DELHI NEWS : शहीदी दिवस पर अरविंद केजरीवाल का हमला, जेल से LG को क्यों लिखा पत्र?

by editor
DELHI NEWS : शहीदी दिवस पर अरविंद केजरीवाल का हमला, जेल से LG को क्यों लिखा पत्र?

DELHI NEWS  : शहीदी दिवस के अवसर पर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने जेल में बिताए गए अपने अनुभव साझा करते हुए सरकार की आलोचना की। केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि इस दौरान उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र लिखा था।

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शहीदी दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर कड़ा प्रहार किया। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के सपने अब भी अधूरे हैं। उन्होंने शहीद भगत सिंह के जेल से लिखे पत्रों का जिक्र करते हुए बताया कि अंग्रेजी हुकूमत के बावजूद, उनके पत्र उनके साथियों तक पहुंचाए जाते थे।

केजरीवाल ने अपने जेल अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को पत्र लिखकर मांग की थी कि उनकी अनुपस्थिति में आतिशी को झंडा फहराने की अनुमति दी जाए। यह एक सामान्य अनुरोध था, जिसे जेल अधीक्षक को सौंपा गया था, लेकिन पत्र LG तक नहीं पहुंचा। इसके विपरीत, उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया कि उन्होंने ऐसा पत्र लिखने की हिम्मत कैसे की? उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि भगत सिंह को पत्र लिखने की स्वतंत्रता थी, लेकिन उन्हें दो पंक्तियां लिखने तक की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनका रवैया अंग्रेजों से भी ज्यादा सख्त और दमनकारी है।

बीजेपी पर आरोप, शहीदों के सपने अधूरे: केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री, वे हर साल 15 अगस्त को झंडा फहराते थे, लेकिन जेल जाने के बाद उन्हें इस बात की चिंता हुई कि इस बार यह जिम्मेदारी कौन निभाएगा। इसी को लेकर उन्होंने मंत्री आतिशी के लिए उपराज्यपाल (LG) को पत्र लिखा था। हालांकि, इसके जवाब में उन्हें धमकी दी गई कि जेल में जो सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं, वे बंद कर दी जाएंगी।

बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जेल जाने के दो दिन के भीतर सरकार ने सबसे पहले बाबा साहेब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाने का काम किया, जिससे उन्हें गहरी पीड़ा हुई।

शहीदों के अधूरे सपनों की बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 100 साल पहले क्रांतिकारियों ने जो आशंकाएं जताई थीं, वे सच होती दिख रही हैं। देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के सपने आज भी पूरे नहीं हो सके हैं, बल्कि हालात उल्टी दिशा में जा रहे हैं।

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