Home राज्यदिल्ली LG को पता न हो, यह संभव नहीं; Saurabh Bhardwaj ने DDA फ्लैट में BJP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

LG को पता न हो, यह संभव नहीं; Saurabh Bhardwaj ने DDA फ्लैट में BJP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

by editor
LG को पता न हो, यह संभव नहीं; Saurabh Bhardwaj ने DDA फ्लैट में BJP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

दिल्ली सरकार के मंत्री Saurabh Bhardwaj ने गरीबों के लिए डीडीए द्वारा बनाए गए फ्लैट में घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शहर में झुग्गीवासियों के लिए बने डीडीए फ्लैटों को अवैध रूप से अयोग्य व्यक्तियों को बेचा जा रहा है।

दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री Saurabh Bhardwaj ने डीडीए द्वारा गरीबों के लिए बनाए गए फ्लैट में घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शहर में झुग्गीवासियों के लिए बने डीडीए फ्लैटों को अवैध रूप से अयोग्य व्यक्तियों को बेचा जा रहा है। मंत्री के आरोपों पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और भाजपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

भारद्वाज ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि डीडीए के ये फ्लैट अयोग्य लोगों को बेचे जा रहे हैं, जिससे गरीबों की सहायता करने का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है। उनका दावा था कि केंद्र सरकार की कार्रवाई से विस्थापित हुए झुग्गीवासियों को आवास देने का वादा किया गया था, जो अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और उपराज्यपाल की सहमति के बिना पूरा नहीं हो सकता। भारद्वाज ने भाजपा पर गरीबों के खिलाफ होने का भी आरोप लगाया।

आप सरकार के मंंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार की डीडीए की सहमति के बिना इन फ्लैटों को भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता। यह संभव नहीं है कि उपराज्यपाल विनय सक्सेना को बीजेपी के एलजी की देखरेख में इतना बड़ा घोटाला और भ्रष्टाचार हो रहा हो।”

उन्होंने कहा, “भाजपा हमेशा गरीबों से परेशान रहती है और उनके खिलाफ खड़ी रहती है। भाजपा ने गरीबों को मुफ्त बिजली और पानी देने का विरोध किया। अब गरीबों के लिए बनाए गए फ्लैट दूसरे लोगों को ब्लैक में दिए जा रहे हैं।”

AAP नेता ने कहा कि केवल हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का कोई सिटिंग जज ही पारदर्शी जांच सुनिश्चित कर सकता है।

भारद्वाज ने कहा, “यदि एसीबी या सीबीआई जांच करती है, तो इस पर पर्दा डाल दिया जाएगा, क्योंकि ये एजेंसियां एलजी और केंद्र सरकार के अधीन काम करती हैं।”इसलिए, पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए इस मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी सिटिंग जज से कराई जानी चाहिए।”

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