Delhi Govt ने पुराने वाहनों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। 1 अप्रैल से निर्धारित उम्र सीमा पार कर चुके वाहनों को पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। इस नए नियम के तहत, ओवरएज पेट्रोल और डीजल वाहनों को ईंधन भरवाने की अनुमति नहीं होगी। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) के बिना चलने वाले वाहन भी निगरानी के दायरे में आएंगे।
दिल्ली में 1 अप्रैल से नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जिनके तहत ओवरएज पेट्रोल और डीजल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। सरकार ने इस फैसले की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इसका मतलब है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर फ्यूल भरवाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
दिल्ली के 80% से अधिक पेट्रोल पंप अब उन्नत तकनीक से लैस होंगे, जो डी-रजिस्टर्ड वाहनों की पहचान कर सकेंगे। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं, जो न केवल ओवरएज वाहनों बल्कि बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) वाले वाहनों को भी पहचान लेंगे।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण के लिए पेट्रोल पंपों पर विशेष उपकरण लगाए जा रहे हैं। अगर कोई वाहन नए नियमों का उल्लंघन करते हुए फ्यूल भरवाने आता है, तो कैमरा सिस्टम उसे तुरंत पहचान लेगा और पेट्रोल पंप कर्मी ईंधन देने से इनकार कर सकते हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) तहत, पंजीकरण की समय-सीमा पूरी कर चुके डीजल और पेट्रोल वाहन स्वतः डी-रजिस्टर्ड हो जाते हैं। यदि ऐसे वाहन सड़क पर पाए जाते हैं या सार्वजनिक स्थानों पर खड़े होते हैं, तो परिवहन विभाग उन्हें जब्त कर सकता है। इसलिए, वाहन चालकों को नए नियमों की जानकारी लेकर ही निकलना चाहिए, अन्यथा उनके वाहन जब्त किए जा सकते हैं।