Home भारत NHRC :राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया

NHRC :राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया

by editor
NHRC: National Human Rights Commission launches two-week online short-term internship program


NHRC के महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि यह कार्यक्रम भविष्य में मानव अधिकारों से संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए युवा प्रतिभाओं को तैयार करने का अवसर है

  • देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न शैक्षणिक विषयों के विश्वविद्यालय स्तर के 60 विद्यार्थी  भाग ले रहे हैं

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC ) का दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम 18 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न शैक्षणिक विषयों के  विश्वविद्यालय स्तर के 60 छात्रों को चुना गया है। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महासचिव श्री भरत लाल ने सभी प्रतिभागियों को मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं को आत्मसात करने और मानवाधिकारों की रक्षा और इसे बढ़ावा देने की दिशा में सार्थक योगदान देने के लिए इस अवसर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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श्री भरत लाल ने कहा कि भारत ने हमेशा उत्पीड़ित समुदायों को शरण दी है जो वैश्विक भाईचारे के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता और सहानुभूति एवं करुणा के मूल्यों को प्रदर्शित करता है। आयोग इस कार्यक्रम को भविष्य में मानव अधिकारों से संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए युवा प्रतिभाओं को तैयार करने के अवसर के रूप में देखता है। उन्होंने इसमें भाग ले रहे छात्रों को भारतीय संविधान में निहित विचारों और उन आदर्शों को वास्तविकता में बदलने के लिए विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा की गई पहलों को समझने के लिए प्रोत्साहित किया।

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उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी प्रशिक्षु, मानव अधिकारों की बेहतर समझ हासिल करेंगे और उनमें समाज के कमजोर वर्गों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशीलता और जवाबदेही की भावना सृजित होगी।

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NHRC संयुक्त सचिव श्री देवेंद्र कुमार निम ने इस इंटर्नशिप कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि प्रतिभागी छात्रों को मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर प्रतिष्ठित वक्ताओं को सुनने का अवसर तो मिलेगा ही, उन्हें मानवाधिकार संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों तथा प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका भी मिलेगा। उन्हें अपने काम और चुनौतियों का अनुभव हो सके, इसके लिए उन्हें तिहाड़ जेल, पुलिस स्टेशनों और आश्रय गृह जैसे संस्थानों पर भी ले जाया जाएगा।

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