Home राज्यपंजाब Minister Hardip Singh:पंजाब ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल और बेहतर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने में अग्रणी बना हुआ है

Minister Hardip Singh:पंजाब ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल और बेहतर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने में अग्रणी बना हुआ है

by editor
Minister Hardip Singh:पंजाब ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल और बेहतर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने में अग्रणी बना हुआ है

Minister Hardip Singh : पंजाब हर ग्रामीण घर तक पाइप से जलापूर्ति करने वाला देश का पांचवा राज्य बन गया

  • स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत सभी गांवों को ओडीएफ का दर्जा प्राप्त हुआ

Minister Hardip Singh Mundian  : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में जल सप्लाई एवं सेनिटेशन विभाग ने वर्ष 2024 तक ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल और बेहतर सेनिटेशन सुविधाएं उपलब्ध करवाने में बड़े लक्ष्य हासिल कर लिए हैं।

जल आपूर्ति एवं स्वच्छता Minister Hardeep Singh Mundian ने वर्ष के दौरान विभाग की उपलब्धियों का खुलासा करते हुए कहा कि ‘हर घर जल’ योजना के अंतर्गत पंजाब ग्रामीण घरों में 100 प्रतिशत पाइप के माध्यम से जलापूर्ति प्रदान करने वाला देश का पाँचवाँ राज्य बन गया है। पानी की गुणवत्ता और पानी की कमी के मुद्दों को हल करने के लिए 1706 गाँवों को कवर करने वाली 2174 करोड़ रुपए की 15 प्रमुख नहरी जल परियोजनाएँ चल रही हैं। इन परियोजनाओं से लगभग 25 लाख आबादी और 4 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।

Minister Hardip Singh ने आगे कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राज्य के सभी गांवों ने ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) का दर्जा हासिल कर लिया है। कुल 5.64 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय और 1340 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। पंजाब के 10435 से अधिक गांव ओडीएफ प्लस (वांछनीय) बन गए हैं और 1289 गांवों ने ओडीएफ प्लस (मॉडल) का दर्जा हासिल किया है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 3366 गांवों और ग्रे-वाटर प्रबंधन के लिए 9909 गांवों में अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं प्रदान की गई हैं। मंत्री हरदीप सिंह ने कहा कि 31 एनएबीएल मान्यता प्राप्त जल परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क चालू है। इसके अलावा, दो मोबाइल जल परीक्षण प्रयोगशालाएं वर्तमान में गांवों में मौके पर पानी की जांच कर रही हैं। प्रत्येक जिले में एक एनएबीएल मान्यता प्राप्त परिचालन प्रयोगशाला है।

Minister Hardip Singh ने आगे कहा कि पेडा के सहयोग से गौशालाओं में गोबर प्रबंधन के लिए जिला स्तर पर 20 बायोगैस प्लांट स्थापित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए ब्लॉक स्तर पर लगभग 23 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयां स्थापित की गई हैं।

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