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Minister Gautam : अन्य प्रदेशों के सहकारी कानूनों के प्रभावी प्रावधानों का होगा समावेश
जयपुर, 1 जनवरी। सहकारिता राज्य Minister Gautam Kumar Dak ने बताया कि प्रदेश में सहकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता स्थापित करने एवं त्वरित कार्य निष्पादन के लिये नये सहकारी कोड में प्रावधान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश में सहकारिता को सर्वसुलभ बनाते हुये इसके सहज एवं स्वतः विस्तार को सुनिश्चित करना है। प्रदेश का कोई भी नागरिक सहकारिता के माध्यम से मिलने वाले लाभ से वंचित नही रहना चाहिये इसके लिये सहकारी कानून में समयबद्ध सीमा में सदस्यता प्रदान करने का प्रावधान किया जावे।
सहकारिता विभाग के अधिकारियों सहित अभिभाषकों एवं जन प्रतिनिधियों के साथ अपेक्स बैंक में आयोजित ब्रेन स्टॉर्मिंग बैठक में सहकारिता Minister Gautam Kumar ने बताया कि महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, गुजरात सहित मध्यप्रदेश राज्यों के सहकारी कानूनों का अध्ययन कर सहकारिता प्रसार के लिये युक्तियुक्त प्रावधानों का राजस्थान के परिपेक्ष्य में उनका मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गृह निर्माण सहकारी समितियों और क्रेडिट सहकारी सोसाइटियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता स्थापित करने के लिये प्रावधानों पर विचार किया गया। इसके लिये संबंधित विभागों के प्रावधानों और सहकारिता की भूमिका के मध्य सामंजस्य स्थापित करते हुये कोऑपरेटिव कोड में अध्याय जोड़े जायेंगे।
Minister Gautam Kumar ने बताया कि नये कोऑपरेटिव कोड में सहकारिता के मूल सिद्धान्तों को आधार बनाते हुये खुली एवं स्वैच्छिक सदस्यता, सदस्यों की आर्थिक सहभागिता, सदस्यों का लोकतांत्रिक नियंत्रण, सदस्यों एवं पदाधिकारियों को सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण तथा सहकारी संस्थाओं के मध्य सहकारिता को सुनिश्चित करने के लिये प्रावधानों को संशोधित एवं परिवर्धित करने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि नये कोऑपरेटिव कोड में हमारा फोकस कार्य निष्पादन सीमा को न्यूनतम स्तर तक लाते हुये सदस्यों को त्वरित एवं न्याय संगत कार्यवाही को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि आमजन को सहकारी सुविधाओं और योजनाओं तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिये सभी जिला इकाइयों एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में हेल्प डेस्क बनाई जायेंगी।
श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि नये कोऑपरेटिव कोड को इस प्रकार बनाया जा रहा है जिसमें सहकारी संस्थाओं की स्वायत्तता को अक्षुण्ण बनी रहे और निर्वाचित पदाधिकारी संस्था की निर्णय प्रक्रिया में अधिकाधिक भाग लेकर एक सबके लिये, सब एक के लिये के मूलमंत्र के आधार पर कार्य कर सकें।
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