दिल्ली में BJP Govt बनते ही होंगे बड़े बदलाव, मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलने पर विचार
दिल्ली में BJP सरकार के गठन के साथ ही कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। विभिन्न मामलों की जांच शुरू होने की संभावना है। साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदला जा सकता है।
नई दिल्ली सरकार की तैयारी, मोहल्ला क्लीनिक का होगा रीब्रांडिंग और जांच शुरू
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद BJP ने अपनी नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है। माना जा रहा है कि सरकार कई अहम फैसले ले सकती है। मोहल्ला क्लीनिकों का रीब्रांडिंग किया जाएगा और उनकी कार्यप्रणाली की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी, जो फंड के संभावित दुरुपयोग की पड़ताल करेगी। क्लीनिकों को नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा और आवश्यक नियुक्तियां की जाएंगी। अनुमान है कि इनका नाम बदलकर “अर्बन आरोग्य मंदिर” रखा जाएगा। गौरतलब है कि मोहल्ला क्लीनिकों को मिले फंड में भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए थे।
नई सरकार कराएगी जांच, जल्द सौंपनी होगी रिपोर्ट
माना जा रहा है कि नई सरकार विभिन्न मामलों की जांच शुरू कर सकती है। दिल्ली के नए स्वास्थ्य मंत्री से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस संबंध में रिपोर्ट मांगेगा, जिसे 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जाएंगे। गौरतलब है कि मोहल्ला क्लीनिकों में दवाइयों की खरीद और रखरखाव में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं।
केंद्रीय नीति के तहत मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर “आरोग्य आयुष्य मंदिर” रखा जाएगा। दिल्ली की पहली कैबिनेट बैठक में इस संबंध में बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है।
दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना की तैयारी, 51 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की संभावना जताई जा रही है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल सके। करीब 51 लाख लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जाएंगे। यह योजना 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष रूप से लागू की जाएगी।
दिल्ली चुनाव में BJP की ऐतिहासिक जीत
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP ने शानदार प्रदर्शन किया, जहां उसे 48 सीटों पर जीत मिली, जबकि आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया।
इस बीच, दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) की जांच में 2023 में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। निजी लैब्स की मदद से लगभग 65 हजार फर्जी मरीजों की जांच की गई थी। दो निजी प्रयोगशालाओं ने करीब 22 लाख टेस्ट किए थे, जिनमें 65 हजार फर्जी निकले। इस घोटाले की जांच के आदेश दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) ने दिए थे।