Home राज्यराजस्थान गांवों को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए CM  Bhajan Lal Sharma की महती पहल

गांवों को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए CM  Bhajan Lal Sharma की महती पहल

by editor
Important initiative of CM Bhajan Lal Sharma to make villages water self-sufficient

CM  Bhajan Lal Sharma : वर्षा जल सहेजने की परम्परा को पुनर्जीवित करेगा “कर्मभूमि से मातृभूमि“ अभियान,

  • भामाशाह व प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से बदलेंगे प्रदेश में भूजल के हालात,
CM  Bhajan Lal Sharma की पहल पर वर्षाजल सहेजने की परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू किया गया “कर्मभूमि से मातृभूमि“ अभियान प्रदेश में भूजल स्तर की गिरावट को रोकने में महती भूमिका निभाने जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार भामाशाहों और प्रवासी राजस्थानियों को साथ लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं का निर्माण करवाने जा रही है।
यह अभियान जल संचयन में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अनूठी संकल्पना “कैच द रेन“ से प्रेरित है। गत अक्टूबर माह में सूरत में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने ’कर्मभूमि से जन्मभूमि-जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन’ कार्यक्रम की रूपरेखा रखी थी। शुरुआती स्तर पर इस अभियान के अंतर्गत सिरोही, पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, झुंझुनूं और जयपुर जिलों में कार्य प्रारम्भ किए गए हैं।
अन्य प्रदेशों को अपनी कर्मभूमि बना चुके प्रवासी राजस्थानी व्यवसायी, उद्यमी एवं अन्य अग्रणी लोगों को जोड़कर भावनात्मक रूप से प्रेरित करते हुए राजस्थान में अपने गांव में जल संरक्षण गतिविधियों में शामिल होकर वर्षा जल संचयन और जल पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। स्थानीय भामाशाहों के अलावा प्रवासी राजस्थानी क्राउड फंडिंग के माध्यम से और कॉरपोरेट्स सीएसआर फंडिंग के माध्यम से इस अभियान के अंतर्गत रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं के निर्माण में सहयोग दे सकते हैं।
सतही जल की एक-एक बूंद के संचय पर फोकस—
उल्लेखनीय है कि भूजल पर अत्यधिक निर्भरता के कारण 216 पंचायत समितियां यानी प्रदेश का 72 प्रतिशत भाग अतिदोहित श्रेणी में आ गया है, जिसमें भूजल की गुणवत्ता भी खराब हुई है। इस अभियान से भूजल स्तर में गिरावट रोकने के साथ-साथ घरेलू उपयोग तथा कृषि कार्यों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। अभियान में पर्यावरण अनुकूल रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं से व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल और भाप बन कर उड़ जाने वाले सतही जल की एक-एक बूंद के संचय, संग्रहण एवं पुर्नभरण पर फोकस किया जाएगा।

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