Haryana Govt: हरियाणा में चतुर्थ श्रेणी सरकारी पदों पर सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार युवाओं का भविष्य खतरे में डाल रही है। नायब सिंह सैनी ने भी आरोपों का जवाब दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार एक भर्ती रोको गैंग है।
Haryana Govt: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार के अंकों पर रोक लगाने के फैसले के बाद राजनीति गर्म हो गई है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा, कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
जवाब में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हुड्डा और सुरजेवाला को चुनौती दी कि अगर उनके पास साहस है तो कांग्रेस सरकार में हुई भर्तियों पर श्वेतपत्र प्रस्तुत करें। सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा को घेर लिया
भाजपा के 10 साल के कार्यकाल में, पढ़े-लिखे युवा लोगों के भविष्य को खतरा पैदा करना, नौकरियों का झांसा देकर युवा लोगों को कोर्ट और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना, भर्ती के नाम पर पेपर लीक जैसे घोटाले करना, अपनी ही भर्तियों को कोर्ट में लटकाना और भर्तियां कैंसिल करना शामिल हैं।
प्रदेश सरकार पिछले चार साल से सीईटी के नाम पर युवाओं को मूर्ख बना रही है। पहले सीईटी का झांसा देकर सभी भर्ती कैंसिल की गई। फिर साजिश में सीईटी नियम बनाए गए, जो कोर्ट में टिक ही नहीं पाए। कोर्ट के इस निर्णय से 23 हजार नियुक्तियां प्रभावित हो सकती हैं। यानी की 23 हजार परिवारों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
हुड्डा- भाजपा जानबूझकर लूप होल छोड़ती है
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट होता है कि भाजपा जानबूझकर भर्ती नियमों और प्रक्रिया में ऐसे लूप होल छोड़ती है कि एक के बाद एक भर्ती कोर्ट में जाकर लटकती है। सरकार को कोर्ट की आड़ लेकर भर्ती नहीं करने का बहाना मिलता है।
यह देश की इकलौती सरकार है जो कोर्ट में अपने खुद के नियमों की भी सही तरह से वकालत नहीं कर पाती है। पक्की नौकरी, मेरिट और आरक्षण का अंत कौशल रोजगार निगम की भर्ती से हो रहा है। सरकार पढ़े-लिखे युवाओं को कम वेतन देकर शोषण कर रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि 20 लाख से अधिक युवा लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई है।
हरियाणा सरकार ने भर्ती रोको एक संगठन बनाया है। प्रदेश सरकार ने 20 लाख से अधिक नौजवानों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सामाजिक-आर्थिक आधार पर अंक खारिज करने से हजारों युवा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों पर चुने गए हैं।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को नया रिजल्ट देना होगा, जिससे बहुत से युवाओं का भविष्य अंधेरे में रहेगा। भाजपा ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी। यानी कि युवा लोगों को नौकरी नहीं मिलेगी और रिजल्ट अधर में लटका रहेगा।