financial year 2023-2024: में भारत का मसाला निर्यात 4.25 अरब अमरीकी डॉलर था, जो पूरी दुनिया में मसाला निर्यात का 12 प्रतिशत था।
भारत से आयात किए जाने वाले उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ ) का उपयोग रोकने के लिए मसाला बोर्ड ने निर्यातकों को निर्देश जारी किए हैं। यह कदम कुछ देशों ने कुछ मसाला उत्पादों की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की है।
क्या है गाइडलाइन
गाइडलाइन के अनुसार, निर्यातकों को मसालों में ईटीओ रसायन का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि इस रसायन को परिवहन, स्टोर या गोदाम और पैकेजिंग सामग्री सप्लायर द्वारा किसी भी स्तर पर नहीं प्रयोग किया जाएगा। इसमें कहा गया कि निर्यातकों को सप्लाय चेन में मसालों, मसाला उत्पादों में ईटीओ और मेटाबोलाइट की कमी को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने होंगे।
क्यों आई यह नौबत
सिंगापुर और हांगकांग ने एमडीएच और एवरेस्ट जैसे लोकप्रिय मसाला ब्रांडों पर प्रतिबंध लगाने के बाद ये निर्देश जारी किए गए हैं। जब उनके उत्पादों में कैंसरकारी रसायन एथिलीन ऑक्साइड पाया गया, तो दुकानों में उनके उत्पादों की मांग बढ़ी है।
कौन-कौन से मसाले पर प्रतिबंध
हांगकांग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने ग्राहकों से कहा कि वे एमडीएच मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिश्रण), एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर और एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर न खरीदें या बेचें। बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत का मसाला निर्यात कुल 4.25 अरब अमरीकी डॉलर था, जो वैश्विक मसाला निर्यात का 12 प्रतिशत है।
निर्यात प्रभावित होने का डर
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक रिपोर्ट में कहा कि मसालों पर उठे सवाल के बीच इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया कि महत्वपूर्ण बाजारों में 70 करोड़ डॉलर का निर्यात दांव पर लगा है। नियामकीय कार्रवाई से कई देशों में मसाला निर्यात में आधे का नुकसान हो सकता है। उसने कहा कि भारत को गुणवत्ता समस्याओं को जल्द और पारदर्शिता से हल करना चाहिए।