Mahakumbh से लौटे श्रद्धालुओं ने भगदड़ वाली रात की सच्चाई बयां की।

by editor
Mahakumbh से लौटे श्रद्धालुओं ने भगदड़ वाली रात की सच्चाई बयां की।

मौनी अमावस्या के अवसर पर Mahakumbh में स्नान के दौरान मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। Mahakumbh से लौटे देहरादून के श्रद्धालुओं ने इस घटना की सच्चाई बयां करते हुए बताया कि अफरा-तफरी कैसे मची और हालात कैसे बिगड़े।

प्रयागराज के संगम नगरी में माघ मेले के शाही स्नान के दौरान भगदड़ मचने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस हादसे में कई लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं, जिसमें करीब 30 श्रद्धालुओं के निधन का जिक्र किया जा रहा है। हालांकि, प्रयागराज Mahakumbh से लौटे देहरादून के श्रद्धालुओं का कहना है कि भगदड़ को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर अफवाहें फैलाई गईं।

श्रद्धालुओं के मुताबिक, घटना के तुरंत बाद पुलिस-प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया था, जिससे स्नान और दर्शन सुचारू रूप से जारी रहे। सहारनपुर चौक स्थित पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के पंडित आशीष उनियाल, जो 7 जनवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज के साथ महाकुंभ गए थे, वहां सभी व्यवस्थाएं सामान्य थीं और आयोजन सुचारू रूप से चल रहा था।

पुलिस-प्रशासन ने संभाला मोर्चा

29 जनवरी को भगदड़ की घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने स्थिति को तेजी से नियंत्रित कर लिया, जिससे माहौल सामान्य हो गया। हालांकि, कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भगदड़ को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जिससे श्रद्धालुओं में अनावश्यक डर का माहौल बना, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था।

देहरादून से 20 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे Mahakumbh

27 जनवरी को देहरादून से 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं का जत्था Mahakumbh गया और स्नान के बाद गुरुवार देर रात वापस लौटा। Mahakumbh से लौटे श्रद्धालु रजनीश यादव ने बताया कि जहां भगदड़ हुई, वहां के अलावा अन्य सभी स्थानों पर व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही थीं। जब वे बाहर आए, तब उन्हें इस घटना के बारे में पता चला। उन्होंने जैसे ही अपने फोन चेक किए, तो देखा कि सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक पर भगदड़ की घटना को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया था, जबकि अंदर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया।

स्थानीय लोग और पुलिस कर रहे सहयोग

कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई कि भगदड़ पूरे प्रयागराज में हुई, जबकि अन्य ने इसे एक-दो दिन बाद की घटना बताया। वहीं,  श्रद्धालु भगवान का नाम लेकर स्नान कर लौट रहे हैं और स्थानीय लोग भी उनकी मदद कर रहे हैं। पुलिस-प्रशासन भी पूरी तरह से व्यवस्था बनाए रखने में जुटा हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

You may also like

Leave a Comment

रोजाना 5 किलोमीटर दौड़ने के जबरदस्त फायदे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: हर महिला के लिए प्रेरणा हैं टीवी की ये 5 बहुएं नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने वाली फिल्में मार्च 2025 होली ,व्रत-त्योहार की देखें पूरी लिस्ट बेर खाने के फायदे