DELHI NEWS : दिल्ली में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) लागू होने से लगभग 10 लाख जरूरतमंद परिवारों को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत वे सरकारी और निजी अस्पतालों में 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, 70 वर्ष से अधिक उम्र के 10 लाख 65 हजार 679 वरिष्ठ नागरिकों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) लागू करने की घोषणा की गई, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के लगभग 10 लाख जरूरतमंद परिवारों को लाभ मिलेगा।
साथ ही, 70 वर्ष से अधिक उम्र के 10 लाख 65 हजार 679 बुजुर्गों को सरकारी और निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत-PMJAY के तहत पांच लाख रुपये और राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्राप्त होगी।
10 लाख तक का मुफ्त इलाज
इस योजना के तहत लाभार्थियों को कुल 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में जुट चुका है। सभी 11 जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि एक महीने के भीतर एक लाख परिवारों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद इस योजना का लाभ उठा सकें।
दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना की राह
केंद्र सरकार ने 2018 में इस योजना की शुरुआत की घोषणा की थी, जिसके तहत 2011 की सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना के आधार पर गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज देने का प्रावधान किया गया। इसे दिल्ली में लागू करने की तैयारी भी की गई थी।
तब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने करीब 10 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ देने की योजना बनाई थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने इसके नाम में “मुख्यमंत्री” शब्द जोड़ने का प्रस्ताव दिया, जिसे केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया।
बाद में, दिल्ली सरकार ने 2020-21 के बजट में इस योजना को लागू करने का प्रावधान किया, लेकिन योजना आगे नहीं बढ़ पाई। उस समय आप सरकार ने तर्क दिया कि इस योजना का लाभ बहुत कम परिवारों को मिलेगा।
निजी अस्पतालों में नि:शुल्क सर्जरी की सुविधा
दिल्ली आरोग्य कोष के माध्यम से सरकार ने निजी अस्पतालों में नि:शुल्क सर्जरी की व्यवस्था की थी। इसके तहत, सरकारी अस्पतालों में लंबी प्रतीक्षा सूची के कारण हर वर्ग के मरीज, बिना किसी भेदभाव के, निजी अस्पतालों में नि:शुल्क सर्जरी करवा सकते थे।
योजना के लागू न होने के कारण करीब 10 लाख परिवार इस लाभ से वंचित रह गए। भाजपा सांसदों ने इसे दिल्ली में लागू करवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिसे भाजपा के सत्ता में आने के बाद वापस ले लिया गया।