Home राज्यउत्तर प्रदेश CM Yogi ने जनपद गोरखपुर में राप्ती नदी में गिरने वाले नालों की प्राकृतिक विधि द्वारा जल शोधन तंत्र परियोजना का शुभारम्भ किया

CM Yogi ने जनपद गोरखपुर में राप्ती नदी में गिरने वाले नालों की प्राकृतिक विधि द्वारा जल शोधन तंत्र परियोजना का शुभारम्भ किया

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CM Yogi ने जनपद गोरखपुर में राप्ती नदी में गिरने वाले नालों की प्राकृतिक विधि द्वारा जल शोधन तंत्र परियोजना का शुभारम्भ किया

UP CM Yogi Adityanath : नदियां हमारी सभ्यता व संस्कृति की जननी और उसका आधार, उन्हें प्राकृतिक पद्धति से शुद्ध करने का कार्य किया जा रहा

  • फाईटोरेमेडिएशन की नई तकनीक से करोड़ों रु0 की बचत कर राप्ती नदी के शुद्धिकरण का यह प्रयास अत्यन्त सराहनीय पहल नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से नदी संस्कृति को बचाने का कार्य प्रारम्भ किया गया,
  • आज इसका परिणाम है कि प्रयागराज में त्रिवेणी पर 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक व आध्यात्मिक समागम महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा
  • प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन लागू हुआ हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिये शहरी क्षेत्रों में अमृत मिशन और ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन प्रारम्भ हुआ

UP CM Yogi Adityanath जी ने आज ट्रान्सपोर्ट नगर, जनपद गोरखपुर में राप्ती नदी में गिरने वाले नालों की प्राकृतिक विधि द्वारा जल शोधन तंत्र परियोजना का शुभारम्भ किया। 15 एम0एल0डी0 क्षमता वाली इस परियोजना की लागत270 लाख रुपये है। उन्होंने जल शोधन तंत्र परियोजना का अवलोकन किया और इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री जी ने 217 लाख रुपये की लागत वाले 34 बेड एवं 07 हॉल के नवनिर्मित आश्रय गृह का लोकार्पण भी किया। जल शोधन तंत्र परियोजना के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए

CM Yogi Adityanath ने कहा कि जल ही जीवन है। गोरखपुर में राप्ती नदी अविरल एवं निर्मल और उसका जल स्वच्छ रहे, इसके लिए नगर निगम द्वारा किये गये प्रयास अभिनन्दनीय हैं। जनपद गोरखपुर के लिए यह बहुत बड़ा काम हुआ है। यह कार्य भूमि की उर्वरता तथा जीवन को बचाने के लिए हुआ है। उन्होंने जल शोधन तंत्र परियोजना के लिए नगर निगम की टीम को बधाई दी।

CM Yogi Adityanath जी ने कहा कि प्रदूषित जल के कारण वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक गोरखपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के 50 हजार मासूम बच्चे इन्सेफेलाइटिस एवं अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से प्रभावित हुए थे। इन विषाणुजनित बीमारियों से होने वाली मृत्यु का कारण प्रदूषित जल एवं गन्दगी थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन लागू हुआ। हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिये शहरी क्षेत्रों में अमृत मिशन और ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन प्रारम्भ हुआ। हर घर नल योजना के माध्यम से घर-घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के प्रयास प्रारम्भ हुए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से नदी संस्कृति को बचाने का कार्य प्रारम्भ किया गया। आज इसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माँ गंगा, माँ यमुना तथा माँ सरस्वती की त्रिवेणी पर 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक व आध्यात्मिक समागम महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। हमारी पूरी सभ्यता एवं संस्कृति किसी न किसी नदी के तट पर बसी है। गोरखपुर राप्ती नदी व रोहिन नदी के तट पर बसा है। गोरखपुर, पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक बड़ा महानगर बन गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नदियां हमारी सभ्यता व संस्कृति की जननी और उसका आधार हैं। उन्हें प्राकृतिक पद्धति से शुद्ध करने का कार्य किया जा रहा है। जब यह जल अण्डरग्राउण्ड वॉटर का हिस्सा बनेगा, तो वह खतरनाक नहीं होगा और नुकसान नहीं करेगा। यह फाईटोरेमेडिएशन तकनीक एक प्राकृतिक पद्धति है। इसमें बार-बार धनराशि खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। इस पूरे कार्य को करने में 02 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत आयी है। इस पद्धति से धनराशि की बहुत बचत हुई है। इसके काफी अच्छे परिणाम आये हैं। इसको और भी अच्छे ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं। एक अच्छा मॉडल दे सकते हैं। यह सतत विकास का एक मॉडल है। यह एक स्थायी मॉडल है। इसे हम हर नाले के शुद्धिकरण से जोड़ सकते हैं। इससे बिजली व मेंटिनेन्स का खर्चा बच गया है और जल शुद्ध दिखाई दे रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फाईटोरेमेडिएशन की नई तकनीक से करोड़ों रुपये की बचत कर राप्ती नदी के शुद्धिकरण का यह प्रयास अत्यन्त सराहनीय पहल है। ड्रेनेज और सीवर से जुड़े हुए सभी नालों को इसी रूप में आगे बढ़ाने का कार्य किया जाए। इससे एक प्राकृतिक मॉडल द्वारा कम खर्चे में बेहतर परिणाम देकर हम जीवन की सबसे बुनियादी आवश्यकता जल की शुद्धता को बनाये रखने में सफल हो पायेंगे। इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री जी ने ट्रान्सपोर्टनगर में नवनिर्मित आश्रय गृह का लोकार्पण किया।CM Yogi Adityanath ने कहा कि विगत दिनांे धर्मशाला बाजार में रैन बसेरे का शुभारम्भ हो चुका है। बहुत से लोग काम के सिलसिले में गोरखपुर शहर में आते हैं। उनके पास कोई आश्रय नहीं होता। वह लोग भी इन आश्रय गृहों में रहकर सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। आश्रय गृह हर जरूरतमन्द के लिये आपदा के समय सहारा होता है। इसीलिए इस प्रकार के आश्रय गृहों की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है।

CM Yogi Adityanath जी ने कहा कि प्रदेश सरकार हर जरूरतमन्द को शासन की सभी सुविधाओं का लाभ देने का कार्य कर रही है। हर पात्र व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ अवश्य मिले। पूरे प्रदेश में कम्बल वितरण का काम प्रारम्भ हो चुका है। यहां पर भी जरूरतमन्दों को कम्बल वितरण का कार्य किया जा रहा है। जो लोग कम्बल प्राप्त करने से छूट गये हैं, प्रशासन उनके लिए कम्बल की व्यवस्था सुनिश्चित करे। राजस्व विभाग की ओर से हर जनपद में धनराशि प्रेषित की जा चुकी है। इस भीषण शीतलहर में हर जरूरतमन्द को कम्बल वितरण कर राहत प्रदान की जा रही है।

CM Yogi Adityanath जी ने कहा कि राष्ट्र व समाज का यह धर्म है कि विपत्ति में हर जरूरतमन्द का साथ दे। जो समाज जरूरतमन्दों की समस्याओं के समाधान हेतु खड़ा होता है, उस देश व प्रदेश को विकास से कोई नहीं रोक सकता है। सभी लोग स्वस्थ जीवन जी सकें, इसके लिए हर व्यक्ति को कार्य करना चाहिए। कोई भी जरूरतमन्द खुलें में न सोये, इसके लिए शासन व प्रशासन को व्यवस्था करने की आवश्यकता है। प्रत्येक शहरवासी व जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है कि किसी को खुले स्थान पर रहने के लिए मजबूर न होना पड़े। मानसिक रूप से पीड़ितों के प्रति हम सभी की मानवीय संवेदना होनी चाहिए। उन्हें अस्पतालों में पहुंचाएं और शासन की सभी सुविधाएं उपलब्ध करायंे। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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