CM Yogi : उ0प्र0 विधानसभा विगत ढाई-तीन वर्षों से अपने इनोवेशन के लिए जानी जा रही, ई-विधान को लागू करने वाली देश की विधानसभाओं में प्रदेश की विधानसभा पहले स्थान पर
Chief Minister Yogi Adityanath ने आज जनपद कानपुर नगर में कॉमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोसिएशन भारत क्षेत्र (जोन-1) (उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) के अन्तर्गत आयोजित उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड विधान मण्डल की माननीय महिला सदस्यों के सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने इस सम्मेलन के कानपुर में आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना को धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा विगत ढाई-तीन वर्षों से अपने इनोवेशन के लिए जानी जा रही है। ई-विधान को लागू करने वाली देश की विधानसभाओं में प्रदेश की विधानसभा पहले स्थान पर है। विधानसभा में ई-विधान को सफलतापूर्वक लागू कर पेपरलेस विधानसभा की दिशा में कार्य किया गया है।
CM Yogi ने कहा कि विधानसभा में हम लोग दलीय प्रतिबद्धता से जुड़े होते हैं। जब अलग-अलग फील्ड जैसे अधिवक्ता, चिकित्सक, अभियन्ता, मानविकी, साइंस, सामाजिकजीवन के विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव रखने वाले लोग एक साथ बैठते हैं, तो दलीय प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर समाज तथा देश के बारे में ही सोचते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस कार्य को आगे बढ़ाया गया है। CM Yogi ने उत्तराखण्ड विधानसभा की अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने यहां अपनी बात को बहुत प्रभावी ढंग से रखा। इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राष्ट्रभूमि के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती है। इनके पिता उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं व भारतीय सेना के जनरल के रूप में देश को महत्वपूर्ण सेवा प्रदान की। देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का कार्य किस प्रकार किया जाता है, सड़क एवं परिवहन मंत्री के रूप में उन्होंने देश को नई दिशा दी। उससे पूर्व इस परिवार का सम्बन्ध उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा से भी रहा है, जिन्होंने एक महत्वपूर्ण कालखण्ड में उत्तर प्रदेश को नेतृत्व प्रदान किया था।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के रूप में भी अपना योगदान दिया। सार्वजनिक जीवन में किस प्रकार कार्य किया जाना है, हम स्वयं को कार्यों के माध्यम से कैसे एक्स्पोजर दे सकते हैं, इस सम्बन्ध में श्रीमती खंडूरी के पास अद्भुत विरासत है। CM Yogi ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा तथा प्राचीन लोकतंत्र है। भारत में लोकतंत्र व गणतंत्र की शुरुआत ईस्वी से 600 वर्ष पूर्व हुई, इसके प्रमाण आज भी प्राप्त होते हैं। इससे इतर यदि आप ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में देखेंगे, तो अलग-अलग कालखंडों में भी यह बात साबित होती है। लोकतंत्र हमारी रग-रग में बसा हुआ है। भारत में सन् 1952 में सम्पन्न पहले आम चुनावों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी मताधिकार प्राप्त हुआ। स्वयं को आधुनिक कहने वाले दुनिया के अनेक देशों में महिलाओं को मताधिकार भारत से बहुत बाद में प्राप्त हुआ। भारत इस मामले में दुनिया से बहुत आगे है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुरुष और महिला दोनों मिलकर सामाजिक व्यवस्था का संचालन करते हैं। इसकी शुरुआत घर-परिवार से होती है। उन्होंने कहा कि उन्हें वर्ष 2017 में सरकार बनने के तुरंत पश्चात प्रदेश के विभिन्न जनपदों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। उस समय बेसिक शिक्षा परिषद के ज्यादातर स्कूलों में बेटियां नंगे पैर जाती थी। बालकों के पैरों में जूते-चप्पल दिखाई देते थे। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में प्रत्येक छात्र-छात्रा के लिए यूनिफॉर्म के साथ-साथ स्वेटर व जूत-मोजे की व्यवस्था करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया। आज प्रदेश सरकार 01 करोड़ 91 लाख बच्चों को यह सुविधा उपलब्ध करा रही है।
CM Yogi ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में हमें बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाचार्यों के साथ संवाद कर बच्चों के अभिभावकों को यूनिफॉर्म आदि के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जा रही धनराशि का उपयोग उसी मद में खर्च किए जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। प्रदेश में जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन के साथ मिलकर ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का कायाकल्प करने का कार्य किया है। इसके माध्यम से ज्यादातर स्कूलों में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका है। इनमें अच्छी फ्लोरिंग, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट आदि कार्य सम्मिलित हैं। इस कार्य में जन सहभागिता का उपयोग किया गया। यह कार्य और भी
वृहद स्तर पर किया जा सकता है।
CM Yogi ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 10 वर्षों में देश में अद्भुत कार्य किए गए हैं। प्रत्येक घर में शौचालयों का निर्माण किया गया है। शौचालय स्वच्छता के साथ-साथ नारी गरिमा का भी प्रतीक है। पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जमीन का मालिकाना हक प्राप्त हुआ। लोग ग्राम पंचायत की आबादी की भूमि पर अपना मकान बना लेते थे। उनके पास इस मकान के कागजात नहीं होते थे। मालिकाना हक के प्रमाण के अभाव में दबंग व्यक्ति उनके मकान पर दावा कर देते थे। आज ग्रामीण आवासीय अभिलेख घरौनी के माध्यम से लोगों को मालिकाना हक प्राप्त हो रहा है। ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जाता है, इसके पश्चात उनके चिन्हांकन का कार्य सम्पन्न किया जाता है। इसके पश्चात ग्राम पंचायत की बैठक में मकान का मालिकाना अधिकार महिला के नाम पर प्रदान किया जाता है। 04 करोड़ परिवारों को आवास प्रदान किए गए हैं। इन आवासों में महिलाओं की भागीदारी है। पहले रसोई गैस का कनेक्शन प्राप्त करना अत्यधिक कठिन कार्य था। 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को यह अधिकार भी प्रदान किया गया। परिवार में किसी सदस्य के बीमार होने पर सबसे ज्यादा कष्ट घर को संचालित करने वालीं महिला सदस्यों को होता था। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से आज उन्हें स्वास्थ्य कवरेज प्रदान की जा रही है।
CM Yogi ने कहा कि जो देश स्वयं को प्रगतिशील कहते हैं, उन देशों की विधायिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में यह 14 से 15 प्रतिशत है। उत्तराखण्ड में यह 10 प्रतिशत से ऊपर है। आने वाले समय में यह प्रतिशत बढ़ेगा। कहा जाता है कि जो सुधरता नहीं उसे प्रकृति सुधार देती है। प्रकृति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के माध्यम से देश में यह सुधार कर रही है, उनके नेतृत्व मंे नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया गया है। वर्ष 2029 के पश्चात लोकसभा तथा विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व एक तिहाई से अधिक होने जा रहा है। यह भागीदारी भविष्य में 33 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। पंचायतों तथा नगर निकायों में यह स्थिति विद्यमान है। हमारे यहां 56 प्रतिशत ब्लॉक प्रमुख एवं 70 प्रतिशत जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई महिलाएं हैं। स्थानीय निकायों के चुनावों में भी अच्छी संख्या में महिला हैं। ग्राम प्रधानों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अच्छा है। महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं।
CM Yogi ने कहा कि विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व तब बढ़ेगा और प्रभावी होगा, जब वह स्वयं के विवेक से निर्णय लेकर समाज से जुड़ी योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करेंगी तथा जनता के नजदीक जाकर अपनी संवेदना का परिचय देंगी। देश का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां महिलाएं प्रतिनिधित्व न कर रही हों। आज वह फाइटर पायलट भी बन रही हैं। स्पेस साइंस महिलाओं के बिना अधूरा है। जब महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रतिनिधित्व दे रही हैं, तो विधायिका में उनका प्रतिनिधित्व कम क्यों है। सामाजिक जीवन के बारे में निकट से अध्ययन करना चाहिए। कोई पक्ष कमजोर अथवा खराब नहीं होता। फर्क सिर्फ हमारे नजरिये का होता है। उत्तर प्रदेश इस मामले में बहुत महत्वपूर्ण प्रदेश रहा है। देश की संविधान सभा में कुल 15 महिला सदस्य थीं। इन 15 सदस्यों में से 04 महिला सदस्य उत्तर प्रदेश से थीं। उस समय उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड दोनों एक थे। इन चार सदस्यों में श्रीमती कमला चौधरी, श्रीमती सुचेता कृपलानी, बेगम एजाज रसूल, श्रीमती पूर्णिमा बनर्जी सम्मिलित थीं। इन सदस्यों ने देश की संविधान सभा में सम्मिलित होकर संविधान निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था।
CM Yogi ने कहा कि महिलाओं के लिए आज अपार सम्भावनाएं हैं। एक महिला जैसे अपने घर को व्यवस्थित तरीके से संचालित करती है। वैसे ही ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकायों, विधानसभाओं, लोकसभा आदि जिस क्षेत्र में भी वह कार्य कर रही है, उनमें भी उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। महिला सदस्यों से उन्हांेने कहा कि विधानसभा की सभी ग्राम पंचायतों अथवा वॉर्डों में एक साथ कार्य नहीं किया जाना चाहिए। इनमें बारी-बारी से कार्य कर एक अथवा दो पंचायतों/वॉर्डों को उदाहरण बनाना पड़ेगा। प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किया गया है। इन प्रयासों की दिशा में कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए। ग्राम पंचायत भवन का नाम ग्राम सचिवालय किया गया। ग्राम सचिवालय को ऑप्टिकल फाइबर या वाई-फाई की सुविधा प्रदान की गई। एक रोजगार सेवक को कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में नौकरी दी गई। यह उस गांव का ही एक शिक्षित युवा होता है। कोटे की दुकान अथवा फेयर प्राइस शॉप को भी इस व्यवस्था से जोड़ा गया, जिसमें आगे दुकान तथा पीछे वेयरहाउस की व्यवस्था की गई, ताकि राशन आदि का एकत्रीकरण किया जा सके। राशन वितरण के कार्य के साथ-साथ अन्य उपयोगी वस्तुओं की बिक्री से उनको जोड़ा गया। यहां पर एक से दो लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकता है। ग्राम निधि की धनराशि अथवा प्रदेश सरकार से डिमांड कर वहीं पर एक कम्युनिटी सेंटर तैयार करने के लिए कहा गया, ताकि कम से कम यूजर चार्ज लेकर गांव के सार्वजनिक कार्यों को सम्पन्न किया जा सके। इस कैम्पस में एक सुलभ शौचालय की व्यवस्था की गई है। एक महिला उसमें भी कार्य करती है। अर्थात एक गांव पाँच से सात रोजगार उपलब्ध करा सकता है।
CM Yogi ने कहा कि महिला स्वयंसेवी समूहों को जागरूक कर ड्रोन दीदी, बी0सी0 सखी तथा अन्य कार्यों के माध्यम से यदि एक भी ग्राम पंचायत को स्वावलम्बी ग्राम पंचायत बना देंगे, तो यह अन्य के लिए उदाहरण स्वरूप हो जाएगा। अगल-बगल के गांव इससे सीखेंगे। एक साथ सभी की शुरुआत करने के स्थान पर एक जगह से प्रयास प्रारम्भ करेंगे, तो एक आदर्श गांव का उदाहरण सबके सामने प्रस्तुत होगा। जब सरकार तथा समाज मिलकर कार्य करेंगे, तभी हम एक आदर्श मॉडल बनाने में सफल हो पाएंगे। आपका यह कार्य आपको नयी पहचान दिलाएगा। आपकी विधायिका की यात्रा को शानदार व स्मरणीय बनाएगा।
कार्यकाल की दीर्घावधि मायने नहीं रखती, बल्कि कार्य करने का प्रभावी ढंग मायने रखता है, ताकि आप अपने कार्यों के माध्यम से एक अमिट छाप छोड़ सकें। आप विधानसभा में जनता का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। यदि इसे उत्तर प्रदेश की दृष्टि से देखा जाय, तो आप 05 से 06 लाख जनता को प्रतिनिधित्व प्रदान कर रही हैं। उत्तराखण्ड की दृष्टि से एक विधायक लगभग तीन से चार लाख आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। इतने लोगों की भावनाएं आपसे जुड़ी हैं। यह सौभाग्य लाखों में से किसी एक को प्राप्त हो रहा है। हमें भी अपने कार्यों के माध्यम से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करना होगा, जो अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी बन सके। इस हेतु विधायिका का मंच महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। विधायिका में आपकी उपस्थित तभी प्रभावी हो सकेगी, जब सदन में कॉमन मैन से जुड़े मुद्दों को कम शब्दों में प्रभावी ढंग से रखेंगी। विधायिका में आपके द्वारा कही हुई बात आने वाले समय के लिए धरोहर बनती है। आने वाली पीढ़ियां जब विधायका का हिस्सा बनेंगी, तो उस समय आपके वक्तव्यों को पढ़कर गौरव की अनुभूति कर सकेंगी।
CM Yogi ने कहा कि भारतीय परम्परा ने अपनी बात को कभी किसी पर नहीं थोपा, लोकतंत्र का इससे अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता। कभी नहीं कहा कि जो मैं कह रहा हूं, वही सच है। जिस कार्य को मैं कर रहा हूं उसका अनुसरण सब लोग करें। उपासना विधि से लेकर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सभी को स्वतंत्रता एवं कार्य करने का अवसर प्रदान किया गया है
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने कहा कि आज आवश्यकता है कि विधायिका में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो, उनकी प्रभावी उपस्थिति हो, उनके द्वारा समाज में बेहतर संदेश दिया जाये और इसका विस्तार सुनिश्चित हो। महिला सशक्तिकरण के क्रम में ही आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्डकी महिला विधायकों का सम्मेलन आयोजित किया गया है। पूरी दुनिया उत्तर प्रदेश का बदलता स्वरूप देख रही है। इसमें महिला विधायकों का महत्वपूर्ण योगदान है। यह सम्मेलन पूरे देश में यह संदेश देगा कि अन्य राज्यों को भी ऐसे सम्मेलनों का आयोजन करना चाहिये। उत्तराखण्ड की विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण ने अपने सम्बोधन में कहा कि विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व एवं सदन की कार्यवाही में सहभागिता बढ़ाने तथा संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में महिला सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज महिलाएं समाज के सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रही हैं। आज की संगोष्ठी में उपस्थित सदस्य अपने क्षेत्रों की महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व कर रही है। यह महिला सदस्य देश की अन्य महिलाओं को भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इस अवसर पर महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी, महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी, उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड की महिला विधायकगण, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश विधानसभा श्री प्रदीप कुमार दुबे, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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