पंजाब
हरियाणा सरकार की भूमिका ग़ैर-कानूनी : डॉ. बलबीर सिंह
मोहाली/राजपुरा, 14 फरवरी (हप्र/निस)
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार किसानों के साथ डटकर खड़ी है और किसान धरने में घायल हुए किसानों के इलाज का पूरा खर्च पंजाब सरकार वहन करेगी। स्वास्थ्य मंत्री आज हरियाणा की सीमा पर स्थित सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का दौरा करते हुए किसानों, पत्रकारों और पुलिसकर्मियों को घायल करने वाली हरियाणा सरकार की कार्रवाई में घायल हुए लोगों का हाल-चाल जानते हैं। वे मोहाली के डॉ. बीआर अम्बेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, सीएचसी बनूड़, राजिन्द्रा अस्पताल पटियाला और सिविल अस्पताल राजपुरा में गए। डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसानों की सुरक्षा के लिए हरियाणा सरहद के साथ लगते सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और 24 घंटे इमरजैंसी सेवाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टरों को अस्पतालों में ही उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, उन्होंने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है।, जबकि सरहद पर अधिक एंबुलैंस लगाए गए हैं। 14 एंबुलैंसों को आवश्यक कर्मचारियों और दवाओं के साथ किसी भी आपातकालीन परिस्थिति के लिए तैयार रखा जाए। शंभू बॉर्डर के पास होने के कारण कम से कम चालिस घायलों को यहाँ लाया गया है। उन्हें हरियाणा सरकार की भूमिका को गैरसंवैधानिक और गैरकानूनी बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग देश का है और किसानों को हरियाणा से दिल्ली जाना था। उन्होंने भाजपा की हरियाणा सरकार से भी अपील की कि वह किसानों को दिल्ली जाने से न रोकें।
किसानों ने हरियाणा का खुफिया पुलिस जवान पकड़ा
पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में किसानों ने हरियाणा खुफिया पुलिस के एक अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया और उसे पुलिस के हवाले किया गया। किसानों को पता चला कि हरियाणा पुलिस का एक कर्मचारी किसानों के बीच घूम रहा था. उन्होंने बताया कि उसकी पहचान कर दी गई और पुलिस को सौंप दी गई। सतविंदर नामक पुलिस अधिकारी पुलिसकर्मी को अपने साथ ले गया।
किसानों की मांगें पूरी की जाएं : संधवां
चंडीगढ़ (उत्तर प्रदेश): पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने पुलिस की किसानों पर धक्केशाही को लोकतांत्रिक अधिकारों की घोर उल्लंघना बताते हुए कहा कि किसानों की मांगें पूरी की जाएं और उनको खुली चर्चा के लिए बुलाया जाए। श्री संधवां ने बैरिकेडिंग और अन्य बाधा लगाने को लोकतंत्र पर बड़ा हमला बताया।