भारत भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नवीनतम राष्ट्रीय समाचार और विकास के बारे में सूचित रहें। विविध का व्यापक कवरेज प्राप्त करें…
LG VK Saxena: दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। एलजी ने राजधानी में लेबर और कर्मचारियों को दिन में तीन घंटे छुट्टी दी है। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक सवेतन छुट्टी दी जाएगी।
दिल्ली की राजधानी आग की भट्टी की तरह जल रही है। तापमान कई स्थानों पर 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक था। मंगलवार को मुंगेशपुर में 49.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। दिल्ली की भारी गर्मी को देखते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कुछ महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। एलजी ने राजधानी में लेबर और कर्मचारियों को दिन में तीन घंटे छुट्टी दी है। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक सवेतन छुट्टी दी जाएगी।
LG वीके सक्सेना का क्या-क्या आदेश
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने भयंकर गर्मी के कारण लेबर और कर्मचारियों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक सवेतन छुट्टी देने का आदेश दिया। उनका आदेश था कि इतनी गर्मियों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने ‘समर हीट ऐक्शन प्लान’ को लागू नहीं किया। वीके सक्सेना ने कहा कि DDA 20 मई से ऐसा कर रहा है, लेकिन अब तक DJB, PWD और MCD, जो “आप” सरकार के तहत हैं, ऐसा नहीं कर रहे हैं।
उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को तुरंत बैठक बुलाने का आदेश दिया। निर्माण स्थलों पर कर्मचारियों को पर्याप्त मात्रा में नारियल पानी और पानी देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, बढ़ती गर्मी को देखते हुए उन्होंने दिल्ली के बस स्टैंडों पर घड़ों में पानी रखने के निर्देश भी दिए हैं।
दिल्ली का हाल बेहाल
दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस था, जो मौसम के सामान्य से 2.8 डिग्री अधिक था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपनी मौसम पूर्वानुमान की चेतावनी में कहा कि दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में भारी लू रहेगा। सुबह साढ़े आठ बजे हवा में 43% नमी थी। शहर में अधिकतम 46 डिग्री सेल्सियस का तापमान हो सकता है। आईएमडी ने कहा कि दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक लू रहने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने लू के कारण लोगों से ‘संवेदनशील लोगों के लिए अत्यधिक सावधानी’ बरतने की अपील की है। बढ़ते तापमान के कारण हर उम्र के लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारी होने और लू लगने की बहुत अधिक संभावना होती है। यह बुजुर्गों, शिशुओं और गंभीर बीमारियों वाले लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय है।