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Vastu Tips for Lord Ganesha :वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर के साथ मुख्यद्वार पर गणेशजी की प्रतिमा लगाना सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए बहुत शुभ है। इससे घर में काम करने की इच्छा बढ़ती है।
ज्योतिषीय शास्त्र में गणेशजी को पहला देवता माना जाता है। गणेशजी की कृपा पाने के लिए लोग अक्सर अपने मुख्यद्वार पर गणेशजी की प्रतिमा लगाते हैं। गणपति बप्पा को भी विधिवत पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में गणेशजी की पूजा-आराधना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा दिलाता है। माना जाता है कि इससे गणेशजी खुश होते हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। गणेशजी की प्रतिमा को घर के मेनगेट के पास स्थापित करते समय कुछ वास्तु नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए। मुख्यद्वार पर गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करने के वास्तु नियम पढ़ें..।
दिशा पर ध्यान दें: मुख्यद्वार पर गणेशजी की प्रतिमा लगाते समय वास्तुशास्त्र के अनुसार दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गणेशजी की मूर्ति उत्तर या दक्षिण दिशा में लगाना शुभ है। लेकिन जिस घर का मुख्यद्वार पूर्व या पश्चिम दिशा में हो, वहाँ गणेश जी की प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए।
इस तरह की प्रतिमा लगाएं: गणेशजी की प्रतिमा लगाते समय ध्यान दें कि उनका मुख अंदर की तरफ होना चाहिए। मान्यता है कि घर के मेनगेट पर गणेशजी की प्रतिमा रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
गणेशजी के चित्र का रंग: मुख्यद्वार पर सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा लगाना वास्तु में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाता है। इसके अलावा, उनके हाथ में लड्डू या मोदक होना चाहिए, साथ ही उनका प्रिय वाहन मूषक भी होना चाहिए।
गणेशजी की सूंड: मेनगेट पर गणेशजी की प्रतिमा पर सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए। घर के अंदर दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड वाली गणेशजी की मूर्ति वहीं लगानी चाहिए।