बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए राज्यसभा में जमकर कांग्रेस को घेरा। इस दौरान, उन्होंने शायरी के माध्यम से कांग्रेस और नेहरू जी को कई बार घेरा।
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी: विपक्ष राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हंगामे कर रहा है। बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बहस का प्रारंभ किया। सुधांशु ने कहा कि पीएम मोदी की बहुत तारीफ की गई, लेकिन कांग्रेस और नेहरू परिवार की बहुत आलोचना की। इस दौरान उसने कई बार शायरी भी की। बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। वहीं, थर्ड डिवीजन फेल होने वाले थर्ड डिवीजन पास होने पर खुश हैं। कांग्रेस सिर्फ 99 को अपनी मंजिल समझकर बैठ गई है।
कुछ इस तरह से सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस को घेरा
शायरी पढ़ते हुए बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “दरिया का सारा नशा उतरता चला गया, वो मुझको डुबाता रहा और मैं उभरता चला गया।”नंबर 44, 52 और 99 कुछ ही लोगों ने मंजिल को समझा।मैंने ऐसे कई रास्ते पार किए हैं। बीजेपी सांसदों ने कहा कि कांग्रेस ने तीनों लोकसभा चुनाव में 44, 52 और 99 सीटें जीतीं। तीनों को मिलाकर भी इनके पास 240 सीटें नहीं हैं, जो हमारे (बीजेपी) के पास हैं। पिछले चार दशक में भी कांग्रेस ने 240 सीटें नहीं जीती हैं। यद्यपि इन लोगों ने बहुत प्रयास किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से नहीं रोक पाए।
ये बात सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरु-मोदी की तुलना पर कही
नेहरू परिवार की आलोचना करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा, “हां पंडित जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी में अंतर हैं, नेहरू और पीएम मोदी की बराबरी नहीं हो सकती।” कांग्रेस में सर्वसम्मति नहीं होने पर प्रधानमंत्री मोदी सर्वसम्मति से बने। पीएम मोदी ने हर राजनीतिक दल को भारत रत्न और अन्य पुरस्कार दिए, लेकिन नेहरू ने अपनी ही पार्टी के सरकार पटेल और बाबा साहेब आंबेडर को नहीं दिया। वे स्वयं अपनी सरकार से पुरस्कार लेकर बैठे।
कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्याः बीजेपी सांसद
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या की बात करती है, लेकिन उसने अपनी सरकारों में लोकतंत्र को मिटाया है। जब-जब ये लोग सत्ता में आए, लोकतंत्र को खतरा हुआ। इनके समय में मीडिया भी स्वतंत्र नहीं था। कांग्रेस ने इमरजेंसी घोषित की और संविधान को नष्ट कर दिया।