Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ा है। पहले आठ दिनों में ही ग्रैप के चारों चरणों की सीमा लागू करनी पड़ी।
- सरकार क्या करेगी अगर हालात नहीं सुधरे और प्रदूषण कम नहीं हुआ? वायु प्रदूषण कम करने के लिए अब क्या करेंगे?
Delhi Air Pollution: दिल्ली का वायु प्रदूषण बदतर हो गया है। कोहरे की चादर और स्मॉग देखकर दम घुटने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) भी लागू किया है। 18 दिनों में परिस्थितियां ऐसी बन गईं कि ग्रैप के चारों चरणों को लागू करना पड़ा। ऐसे में, अगर ग्रैप नियमों की लागू लागू होने के बाद भी वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ तो दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
साथ ही, ग्रैप-4 की पाबंदियां अभी लागू होने के कारण लोगों में चिंता भी है। दिल्ली सरकार क्या करेगी अगर ग्रैप की पाबंदियां लागू होने से भी वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ और हालात नहीं सुधरे? दिल्ली के वायु प्रदूषण को कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने बहुत खराब बताया है। क्या इस चेतावनी को देखते हुए दिल्ली सरकार अब ऑड-ईवन सिस्टम लागू करेगी?
CAQM ने वर्क फ्रॉम होम और ऑड-ईवन की सिफारिश की: दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वर्क फ्रॉम होम और ऑड-ईवन सिस्टम शुरू करने की सिफारिश की है। राज्य सरकार से अपील की है कि वह नगरपालिकाओं और निजी कार्यालयों के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम पर भेज दे। 50% कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति मिलने से वे गाड़ी नहीं चलाएँगे। इससे वाहनों की संख्या कम होगी और वायु प्रदूषण कम होगा।
केंद्र सरकार भी दिल्ली में सभी सरकारी दफ्तरों के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम पर भेज सकती है। कोचिंग संस्थान और कॉलेज भी बंद किए जा सकते हैं। इसके अलावा, ऑड-ईवन सिस्टम को लागू करके लोगों को वाहन नंबर के हिसाब से निकालने का आदेश दिया जा सकता है। क्या दिल्ली सरकार कोरोना काल की तरह एक लॉकडाउन लागू करने पर विचार कर सकती है अगर वायु प्रदूषण फिर भी कम नहीं हुआ?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली में ग्रैप-3 फेल होने के कारण ग्रैप-4 लागू करना पड़ा। 15 नवंबर को ग्रैप-3, जो छठी तक की कक्षाओं को ऑनलाइन लगाने का आदेश , लागू हुआ, लेकिन इससे वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ। बल्कि स्थिति अब और खराब हो गई है। वायु प्रदूषण बढ़ा, खासकर रविवार की सुबह। AQI 435 सुबह था और रात में हालात बदतर हो गए। AQI 457 हो गया।
दिल्ली में वायु प्रदूषण को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने अति गंभीर श्रेणी का घोषित किया है। PM 2.5 वर्तमान में दिल्ली की हवा का सबसे बड़ा प्रदूषक है। दिल्ली की हवा में 2.5 माइक्रोमीटर या उससे भी छोटे व्यास वाले सूक्ष्म कण मौजूद हैं। फेफड़ों को यह छोटे-छोटे कण नुकसान पहुंचा सकते हैं। नसों में बह सकते हैं और शरीर में जहर फैला सकते हैं। दिल्ली में एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के आंकड़ों के अनुसार, ट्रांसपोर्ट, पराली जलाना, आतिशबाजी, डीजल जनरेटर आदि दिल्ली में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण हैं।