Anurag Verma: कुछ शहरों में जल जनित बीमारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ बैठक की अध्यक्षता की
- इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की जीरो टॉलरेंस
राज्य के कुछ शहरों में डायरिया के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव श्री अनुराग वर्मा ने मंगलवार को राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ एक आपातकालीन बैठक की। बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, नगर निगमों के कमिश्नर, एडीसी (शहरी विकास), एक्सईएन, ईओ और सिविल सर्जन भी शामिल हुए।
बैठक में श्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान ने सभी नगर निगमों और नगर समितियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रदूषण मुक्त पेयजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों, नगर निगमों के कमिश्नर और कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले संवेदनशील क्षेत्रों और झुग्गी-झोपड़ियों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करें। जहां भी पेयजल के दूषित होने की संभावना है, वहां तत्काल उपचारात्मक कदम उठाए जाएं। श्री वर्मा ने स्थानीय निकाय सचिव को निर्देश दिए कि वे सभी सीएमसी और ईओ से प्रमाण पत्र लें कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में प्रदूषण मुक्त जल की आपूर्ति की जा रही है।
श्री वर्मा ने जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह का अभ्यास करें। सभी एक्सईएन और एसडीओ को निर्देश दिया गया कि वे व्यक्तिगत रूप से सभी गांवों और विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करें। जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया गया कि वे सभी एक्सईएन और एसडीओ से प्रमाण पत्र लें कि उनके अधिकार क्षेत्र में सभी क्षेत्रों में प्रदूषण मुक्त पानी की आपूर्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार श्री वर्मा ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए कि पानी के सैंपल लेने की संख्या दोगुनी की जाए। ऐसा करते समय झुग्गी-झोपड़ियों और संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जाए। जहां भी सैंपल फेल हो, मामले की सूचना तुरंत संबंधित डिप्टी कमिश्नर को दी जाए, जो उस इलाके में पानी की सप्लाई के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। ऐसे इलाकों में तुरंत टैंकरों के जरिए पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा क्लोरीन की गोलियां भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाएं।
श्री वर्मा ने सचिव स्वास्थ्य को यह भी निर्देश दिया कि अब तक बीमार हुए लोगों का निःशुल्क और उचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उपायुक्तों को प्रतिदिन स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और उपरोक्त निर्देशों का सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी की ओर से कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के वित्त आयुक्त आलोक शेखर, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव नीलकंठ एस अव्हाड़, स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. अभिनव, स्थानीय निकाय विभाग के सचिव रवि भगत और स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक उमा शंकर गुप्ता उपस्थित थे।