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Nvidia: एपल, गूगल व मेटा को भी पीछे छोड़ा, दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी ने,ये है एनवीडिया की कहानी

by editor
Nvidia: एपल, गूगल व मेटा को भी पीछे छोड़ा, दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी ने,ये है एनवीडिया की कहानी

Nvidia: जब चैट जीपीटी और गूगल जैमिनी जैसे टूल्स बनाए जाते हैं, तब बहुत अधिक GPU का इस्तेमाल होता है. दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए GPU की मांग भी बढ़ती जा रही है। इसी GPU को एनवीडिया बनाती है। अब शायद आप समझ रहे होंगे कि ये कंपनी विश्व की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी कैसे बन गई है।

Nvidia: 2023 सितंबर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक व्यक्ति से मुलाकात की थी। मीडिया और सोशल मीडिया में इस बैठक पर चर्चा हुई। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने जेनसेन हुआंग से मुलाकात की। आपने शायद पहले ये नाम नहीं सुना होगा। लेकिन एनवीडिया शायद आपने सुना होगा। समझाने के लिए आसान बात कहूं तो, जेनसेन हुआंग एनवीडिया के सीईओ हैं, जो आपके कंप्यूटर के लिए ग्राफिक कार्ड बनाता है। हुआंग आज फिर चर्चा में हैं..।

एपल को छोड़कर एनवीडिया दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई

कारण यह है कि Nvidia ने एपल को पीछे छोड़कर दुनिया की दूसरी सबसे अमीर कम्पनी बन गई है। एनवीडिया का बाजार कैप लगभग 251 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, एपल का मार्केट कैप लगभग 250 मिलियन डॉलर है। यहां आपको बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट, जिसका मार्केट कैप 262 लाख करोड़ है, दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है।

लेकिन ऐसा क्या है जो एनवीडिया को बढ़ावा दे रहा है? ऐसा क्या है जिसकी वजह एनवीडिया का मार्केट कैप इतना बड़ा हो गया है? इसे समझने के लिए कंप्यूटर को जानना चाहिए। दरअसल, हर कंप्यूटर में एक CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) होता है। इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है। इसमें प्रोसेसर चाहिए। इंटेल और एएमडी जैसी कंपनियां प्रोसेसर को तैयार करती हैं..। GPU, या ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट, कंप्यूटर में CPU की तरह ही काम करता है। यही कारण है कि आपकी स्क्रीन पर दिखाई देने वाली तस्वीरें, ग्राफिक्स और वीडियो आदि इस GPU का बड़ा हिस्सा हैं। लेकिन ये GPU का एकमात्र उपयोग था। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के दौर में GPU की असली शक्ति का पता चला।

जब चैट जीपीटी और गूगल जैमिनी जैसे टूल्स बनाए जाते हैं, तब बहुत अधिक GPU का इस्तेमाल होता है. दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए GPU की मांग भी बढ़ती जा रही है। इसी GPU एनवीडिया बनाती है। अब शायद आप समझ रहे होंगे कि ये संस्था विश्व की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी कैसे बन गई है। खबर पर आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि एनवीडिया के शेयर में पिछले छह महीने में लगभग 169% की वृद्धि हुई है। पिछले पांच वर्षों में इस शेयर ने 3 हजार 265 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

एनवीडिया के सह-संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने पिछले एक वर्ष में एनवीडिया के शेयरों में 700% से अधिक की वृद्धि के साथ अब 106 बिलियन अमरीकी डालर (8.84 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति के साथ दुनिया के 13वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, दुनिया के दस सबसे अमीर लोगों की सूची में, केवल माइकल डेल (107 बिलियन अमरीकी डालर 8.92 लाख करोड़ रुपये), मुकेश अंबानी (109 बिलियन अमरीकी डालर 9.09 लाख करोड़ रुपये) और वॉरेन बफेट (136 बिलियन अमरीकी डालर 11.34 लाख करोड़ रुपये) उनसे आगे हैं।

साथ ही, फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम का स्वामित्व रखने वाली मेटा कंपनी का मार्केट कैप 1.25 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि एनवीडिया का 3.01 ट्रिलियन डॉलर है, जो इस कंपनी की व्यापकता को दर्शाता है। गूगल जैसी कंपनी भी 2.18 ट्रिलियन डॉलर पर है। विशेष बात यह है कि इस कंपनी, यानी एनवीडिया, के चार विकास केंद्र भारत में हैं। India और उसकी कंपनियां अब AI की ओर देखना चाहती हैं। पिछले वर्ष ऐसी खबरें आईं कि इस कंपनी ने भारत की कुछ बड़ी कंपनियों के साथ बातचीत की है ताकि दोनों मिलकर लोकलाइजेशन पर काम करें। ये प्रयास किए जा रहे हैं ताकि भारतवासी अपनी स्थानीय भाषाओं में AI का उपयोग कर सकें।

दुनिया भर में उपयोग किए जाते GPU उनमें से करीब 88 प्रतिशत एनवीडिया के हैं

अब जेनसेन हुआंग के बारे में चर्चा करेंगे। ताइवान में जन्मे हुआंग ने अपने दो साथियों के साथ 5 अप्रैल 1993 को एनवीडिया को बनाया। हुआंग का वर्तमान नेटवर्थ लगभग 107.4 बिलियन डॉलर है। इस कंपनी का मुख्यालय कैलिफोर्निया, अमेरिका में है। ये कंपनी पिछले दो दशक से भारत में भी काम कर रही है, जिसमें करीब 3,000 लोग काम करते हैं। GPU से AI तक की यात्रा कंपनी के लिए मुश्किल तो नहीं रही, लेकिन कंपनी ने इस मामले में खुद को स्थापित किया है और पहले स्थान पर है। दुनिया भर में उपयोग किए गए GPU में से लगभग 88 प्रतिशत एनवीडिया के हैं। चैटजीपीटी को बनाने में दस हजार ग्राफिक चिपों का उपयोग हुआ है, जिनमें से सभी एनवीडिया के हैं। पूरी मशीन 1000 मिलियन डॉलर की है, जिसमें हर चिप लगभग 10 हजार डॉलर का है।

आपको बता दें कि GPU चिप बहुत जल्दी गणना करते हैं और बेहद सटीक नतीजे देते हैं। इसलिए इसकी मांग गेमिंग से लेकर AI तक बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। महामारी के दौरान सेमीकंडक्टर की मांग में भारी उछाल हुआ था, जो अब ऑटो सेक्टर में भी तेजी से बढ़ी है। इसलिए, इन GPU के कारण पहले से ही खतरे की गणना करना और कार में उपयोग किए गए सेंसर के आधार पर कार्रवाई करना आसान हो गया है।

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