NCR: दिल्ली सरकार की सड़कों की मरम्मत और रखरखाव की योजना नहीं बनने के बाद एक नया कदम उठाया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी ने अब सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी के लिए नया प्लान बनाया है।
दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई सड़कों की व्यापक मरम्मत और रखरखाव की योजना पूरी तरह से लागू नहीं होने के बाद एक नई कोशिश की जा रही है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अब 10 के बजाय पांच साल तक सड़कों का रखरखाव निजी कंपनियों को देने का निर्णय लिया है। इसके लिए दिल्ली की कुल 60 सड़कों को चिह्नित किया गया है।
NCR: उत्तर क्षेत्र की सड़कों का रखरखाव पहले होगा। दिल्ली में पीडब्ल्यूडी वर्तमान में सड़कों का रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी खुद संभालता है। PWD का मेंटिनेंस विभाग सड़कों को बनाने के बाद उन्हें ठीक करना है।
दिल्ली सरकार ने राजधानी की सड़कों को विश्वस्तरीय बनाने की व्यापक योजना बनाई थी। बजट में इसके लिए स्पष्ट घोषणा की गई थी। योजना के अनुसार, सड़कों का रखरखाव और मरम्मत निजी संस्थाओं को करना चाहिए था। योजना थी कि यह काम दस साल तक एक ही कंपनी को दिया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि योजना पूरी तरह से तैयार हो गई थी। लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का खर्च आ रहा था। हालाँकि, पीडब्ल्यूडी ने उस योजना को बदल दिया है क्योंकि वह काम नहीं करती थी। पहला, अब दस साल की जगह पांच साल की मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी। किसी एक संस्था के पास यह नहीं होगा। सड़क के प्रत्येक स्ट्रैच के लिए बोली लगाई जाएगी। जो कंपनी उसमें चुनी जाएगी, उसे काम मिलेगा। यह पहली बार होगा कि सड़कों की मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी पांच साल के लिए निजी कंपनियों को दी जाएगी।
इसमें ये सड़कें शामिल हैं
पंचशील एन्क्लेव रोड, झटीकरा रोड, राव लक्ष्मी रोड, आउटर रिंग रोड (चिराग दिल्ली से अफ्रीका एवेन्यू), शालीमार बाग, रिंग रोड (मायापुरी चौक), केएन काटजू रोड, मोदी मिल से चिराग दिल्ली, महरौली से महिपालपुर रोड, रिंग रोड फ्लाईओवर (हयात), मथुरा रोड एनएच-2 सहित।
इस पर भी एक नज़र डालें
5 साल तक निजी कंपनियां रखरखाव करेंगे
दिल्ली में चिन्हित सड़क नेटवर्क 266.51 किलोमीटर है।
पहले स्टेज पर
46.45 किलोमीटर की सड़क बनाई जाएगी
169.83 करोड़ रुपये खर्च होंगे
दूसरी स्टेज पर
37 किलोमीटर का रास्ता बनेगा
118.38 करोड़ रुपये खर्च होंगे