योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है और उन पर पूरा भरोसा जताया है। उनका लेख था कि यह तीसरा कार्यकाल निश्चित रूप से 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी लक्ष्यों को पूरा करने वाला होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आठवीं संसद के पहले सत्र में सांसद के रूप में शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति भर्तृहरि महताब ने शपथ दिलाई। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। वह पीएम के रूप में अपना काम भी शुरू कर चुके हैं। हालांकि, संसद के विशेष सत्र का आयोजन अब हो रहा है। पीएम मोदी के संसद की शपथ लेने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी।
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, “लोकसभा सदस्य के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ लेने की आपको हार्दिक बधाई! ‘आत्मनिर्भर भारत-नए भारत’ की भावना आपके सफल नेतृत्व में साकार हो रही है। यह निश्चित रूप से तीसरे कार्यकाल में 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को पूरा करने वाला सिद्ध होगा।”
लोक सभा सदस्य के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ लेने की आपको हार्दिक बधाई!
आपके यशस्वी नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत-विकसित भारत’ की संकल्पना साकार हो रही है।
निःसंदेह, यह तीसरा कार्यकाल 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को पूर्ण करने वाला सिद्ध होगा। https://t.co/OWe6pZH5o9
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 24, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
संसद में शपथ लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस संसद में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है। साथ ही, उन्होंने कहा कि देश को चलाने के लिए सहमति की आवश्यकता होती है, लेकिन सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है। उनका कहना था कि उनकी सरकार कोशिश करेगी कि सभी की सहमति से निर्णय लिए जाएं और देश का हित हो। उनका वादा था कि उनकी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक मेहनत करेगी और तीन गुना अधिक नतीजे लाकर रहेगी।
भाजपा का यूपी में प्रदर्शन खराब
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ खास नहीं किया। चुनाव से पहले पार्टी ने सभी 80 सीटें जीतने की कोशिश की थीं, लेकिन भाजपा को आधी भी नहीं मिली।इसके बाद तरह-तरह की बातें सामने आईं। मुख्यमंत्री योगी पर भी कुछ लोगों ने विश्वासघात का आरोप लगाया। इसके बावजूद, दोनों नेताओं ने मिलकर काफी प्रचार किया था। पार्टी ने इसलिए उम्मीदवार के चयन को लोकसभा चुनाव में बुरा प्रदर्शन की बड़ी वजह बताया है।