हाल ही में कांग्रेस ने Rahul Gandhi को रायबरेली चुनाव में उतारा। कांग्रेस का निर्णय चौंकाने वाला था। कांग्रेस नेता ने हालांकि इस मामले को हल किया है।
कांग्रेस का गढ़ उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट था। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की स्मृति इरानी ने उन्हें हराया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद, अमेठी में राजनीतिक हलचल फिर से उठ गई है। माना जाता था कि राहुल गांधी एक बार फिर से अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने सबको चौंकाते हुए राहुल गांधी को टिकट नहीं दिया और किशोरी लाल शर्मा को अमेठी के चुनाव में उतारा। अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और अमेठी और रायबरेली सीट के कांग्रेस पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हम गहलोत की बात सुनें।
कांग्रेस ने राहुल गांधी को अमेठी की बजाय रायबरेली से चुनाव जीता है। कांग्रेस के इस निर्णय को लेकर बहुत चर्चा हुई कि पार्टी ने आखिर ऐसा क्यों किया? राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर कहा कि पार्टी ने रणनीतिक निर्णय लिया है। गहलोत का कहना है कि केएल शर्मा ही भाजपा की स्मृति ईरानी को हरा सकते हैं, इसलिए राहुल गांधी को मैदान में उतारने की क्या आवश्यकता है? अशोक गहलोत, जो अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था, ने दावा किया कि कांग्रेस बड़े अंतर से दोनों सीटें जीत रही है।
1999 से अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस लगातार जीतती आ रही थी, लेकिन 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी ने इस पर ब्रेक लगा दिया। राहुल गांधी लगभग ५५ हजार वोटों से स्मृति ईरानी को हराया। माना जा रहा था कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी को फिर से अमेठी में उतारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने राहुल को अमेठी से नहीं बल्कि रायबरेली से टिकट दिया।