Home राज्यउत्तर प्रदेश Varanasi news: वाराणसी में सफाईकर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है, ठप हुआ कूड़ा उठान और चरमराई व्यवस्था

Varanasi news: वाराणसी में सफाईकर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है, ठप हुआ कूड़ा उठान और चरमराई व्यवस्था

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Varanasi news: वाराणसी में सफाईकर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है, ठप हुआ कूड़ा उठान और चरमराई व्यवस्था

Varanasi news: वाराणसी में वेतन नहीं मिलने से हड़ताल हो गई है। मंगलवार को डोर-टू-डोर कूड़ा उठान और साफ-सफाई व्यवस्था चरमरा गई। वरुणापार क्षेत्र को छोड़कर शहर के अन्य वार्डों में दोपहर तक कूड़ा नहीं उठाया।

वाराणसी में वेतन की कमी से मंगलवार को डोर-टू-डोर कूड़ा उठान और सफाई सेवाएं बिगड़ गईं। वरुणापार क्षेत्र को छोड़कर शहर के अन्य वार्डों में दोपहर तक कूड़ा नहीं उठाया। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने सफाई की, लेकिन कूड़ा गाड़ी नहीं निकलने से सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई। धरने पर बैठे हुए हैं वाराणसी वेस्ट सॉल्यूशन नामक डोर-टू-डोर कूड़ा उठान कंपनी के कर्मचारी, सुपरवाइजर और ड्राइवर। दो महीने से वेतन नहीं मिलने से परेशान ये कर्मचारी अब खाते में पैसे आने तक काम नहीं करेंगे। पीलीकोठी में धनेसरा तालाब क्षेत्र, भेलूपुर में जलकल क्षेत्र और बेनियाबाग में कर्मचारी प्रदर्शन हो रहे हैं।

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वहीं, भाजपा पार्षदों ने नगर आयुक्त कार्यालय में हंगामा किया। नगर आयुक्त श्री अक्षयवर सिंह ने कहा कि आपकी वजह से मोदी जी को कम वोट मिले हैं। पार्षदों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं। मोहल्ले में बारिश शुरू होने के बाद भी सीवर नहीं साफ किए गए। लोग गंदगी से परेशान हैं। शिकायत पर कार्रवाई नहीं की जाती है।

पीने का पानी भी नाले में गिर रहा है, स्थिति खराब हो गई है। इसके अलावा, शहर में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था नहीं है। बीजेपी पार्षदों ने इन सभी चिंताओं को लेकर नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे हैं। जहां उन्होंने नगर आयुक्त का घेराव करके नारेबाजी की।

पार्षदों और नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के बीच दो घंटे की चर्चा हुई। लेकिन पार्षदों की सबसे बड़ी चिंता सीवर की थी। जलकल विभाग के सचिव ओपी सिंह ने कहा कि वे शांत हो जाएंगे। तो पार्षदों ने कहा हम विरोध करेंगे अगर एक सप्ताह में सही तरह से पूरा काम नहीं हुआ।

दक्षिण शहर विधानसभा के पार्षद इन्द्रेश कुमार ने बताया कि हम लोग नगर आयोग से चर्चा करने आए थे। बारिश के मौसम से पहले सफाई की जानी चाहिए थी। शिकायत के बाद भी कोई हल नहीं निकला।

पार्षद ने कहा कि कुर्सी पर बैठे लोगों से ठेकेदारी प्रथा पैदा होती है। उनका कहना था कि नगर-आयुक्त ने टेंडर को जल्दी शुरू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन कोई भी समस्या हल नहीं हुई। पीने का पा

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