Indian road infrastructure
संड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने प्रयोगशाला में जैव-बिटुमेन का मूल्यांकन करने और जैव-बिटुमेन से निर्मित फुटपाथ के दीर्घकालिक प्रदर्शन का आकलन करने के लिए भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी), देहरादून के सहयोग से दो (02) शोध परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, जिनमें से एक भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान, रुड़की और एक केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), नई दिल्ली को दी गई हैं।
सड़क निर्माण में बायो-बिटुमेन की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए तीन साल की समयावधि में प्रदर्शन निगरानी के लिए नवंबर 2022 में राष्ट्रीय राजमार्ग-709एडी के शामली-मुजफ्फरनगर खंड पर एक परीक्षण खंड की स्थापना भी की गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एनएच-40 के जोराबट-शिलांग खंड पर बायो-बिटुमेन के साथ परीक्षण करने पर भी विचार किया है। बायो-बिटुमेन के उल्लिखित लाभ बिटुमेन आयात में कमी, ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी और किसानों/एमएसएमई के लिए राजस्व उत्पन्न करने और रोजगार प्रदान करने का अवसर शामिल हैं।
📍 नई दिल्ली | राज्यसभा
भारतीय सड़क अवसंरचना में जैव बिटुमेन के उपयोग के संबंध में केंद्रीय मंत्री श्री @nitin_gadkari जी का उत्तर। #QuestionHour #RajyaSabha pic.twitter.com/xOVyusl7dq
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) August 7, 2024
source: https://pib.gov.in