UP Police: यूपी के आगरा में अब रात में थानों में महिला पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी बंद होगी। इंस्पेक्टर की कार्रवाई के बाद बुलाई गई बैठक में एक महिला दरोगा ने अपना पक्ष रखा और बताया कि रात को उन्हें बुलाया गया था।
UP Police: प्रदेश भर में आशिक मिजाज इंस्पेक्टर की करतूत चर्चा का विषय बन गई है। महिला दरोगाओं को काम करते समय क्या-क्या समस्याएं आती हैं? यह जानने के लिए सोमवार को एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा ने आगरा में महिला दरोगाओं की एक बैठक बुलाई। इसमें महिला दरोगाओं की पीड़ा सामने आई। रात को सिटी जोन में तैनात एक एसीपी ने अपने फ्लैट पर एक अर्दली रूम (OR) ले लिया। महिला दरोगाओं को घंटों खड़ा रखते हैं। कुर्सी पर बैठने नहीं देते। इतना ही नहीं, कई थाना प्रभारियों से भी ऐसी शिकायतें आईं। पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट दिशानिर्देशों को जारी किया है। निलंबित इंस्पेक्टर एत्मादुद्दौला दुर्गेश कुमार मिश्रा पर आरोप लगाया गया है कि वह एक प्रशिक्षु महिला दरोगा को कमरे में सोने के लिए बुलाया था। शिकायत के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
सतर्कता! विशाखा गाइड के बारे में बताया गया है।
एसएसआई अमित प्रसाद भी निलंबित किया गया था। यह मुद्दा राज्यव्यापी है। एसीपी सकुन्या शर्मा ने पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड के निर्देश पर कमिश्नरेट में तैनात सभी महिला दरोगाओं की एक बैठक बुलाई। ताकि उन्हें विशाखा गाइड के बारे लाइन बताया जाए। एत्मादुद्दौला प्रकरण से बैठक शुरू हुई।
सलाह! किसी को महत्व नहीं देना
प्रशिक्षु महिला दरोगाओं को बताया गया कि अगर कोई सीनियर उन पर दबाव डालता है, तो अधिकारियों को सूचित करें। हमराह जाने की जरूरत नहीं है। यदि किसी कारण से जाना पड़े तो एक और महिला पुलिसकर्मी उसके साथ जाएगी। किसी भी सैनिक से ज्यादा मतलब नहीं रखें। कई बार ऐसा होता है कि बाद में पता चलता है कि जिससे दोस्ती हुई वह शादीशुदा है
शिकायत! हमको रात को भी बुलाया जाता है
बैठक में महिला दरोगाओं से पूछा गया कि वे किस-किस मुद्दे पर चिंतित हैं। दो महिला दरोगाओं ने साहसपूर्वक बताया कि एसीपी देर रात अपने फ्लैट पर अर्दली के लिए बुलाते हैं। घंटों तक रोककर रखते हैं। खुद कुर्सी पर बैठे रहते हैं। उन्हें कुर्सी तक नहीं देते। रात को अर्दली कमरे में अचानक फोन आता है। उस समय वे घर पर होती हैं।
सख्ती! रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को भेजी गई थी।
मीटिंग हाल में सोफा है। इंस्पेक्टर उस पर बैठ जाते हैं। यह मीटिंग दिन में थाना परिसर में भी ली जा सकती है। महिला दरोगाओं ने भी क्षेत्रीय थानाध्यक्ष से शिकायत की। थानाध्यक्ष भी रात 11 बजे फोन करता है। पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड को बैठक में उठाए गए मुद्दों की जानकारी दी गई। उनके पास कड़े आदेश हैं।
ये नियम अब लागू होंगे
– सूर्यास्त के बाद थानों में विशेष परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी न लगाई जाए।
– विशेष परिस्थितियों में बाहर रहने वाली महिला पुलिसकर्मी को ड्यूटी पर बुलाने के लिए सिर्फ सरकारी वाहन भेजा जाए।
– थाना प्रभारी या किसी अन्य अधिकारी के साथ किसी महिला पुलिसकर्मी को काम पर नहीं लगाया जाएगा।
– अगर आवश्यक हो तो कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी ले जाएं।
– महिला पुलिसकर्मियों को सूर्यास्त से पहले ही रात्रि की गणना करनी चाहिए।
– दिन के समय थाना कार्यालय या एसीपी कार्यालय में ही महिला इंस्पेक्टर और महिला दरोगा का अर्दली रूम होगा।