UP News: मायावती ने कहा कि अच्छे दिनों की उम्मीद नहीं है, जबकि अखिलेश ने कहा कि पक्‍की नौकरी का इंतजाम नहीं

UP News: मायावती ने कहा कि अच्छे दिनों की उम्मीद नहीं है, जबकि अखिलेश ने कहा कि पक्‍की नौकरी का इंतजाम नहीं

UP News: बजट में प्रावधानों और घोषणाओं से विपक्ष खुश नहीं है। बजट को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रपति अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपने-अपने बयान में निराशा व्यक्त की है।

UP News, Mayawati and Akhilesh Yadav on Union Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में मॉनसून सत्र के दूसरे दिन पेश किया। इससे वह लगातार सात बार बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री बन गई है। बजट में घोषणाओं और प्रावधानों से विपक्ष असहज है। विपक्षी दल, खासकर यूपी, ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बजट को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रपति अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपने-अपने बयान में निराशा व्यक्त की है। अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट में यूपी के लिए भी नहीं है। जब तक किसानों पर ध्यान नहीं दिया जाता, नौजवानों को पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं किया जाता जब तक कोई बड़ा लाभ नहीं होने वाला है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि इस बजट से सिर्फ अमीरों और धन्‍नासेठों को लाभ होगा।

अखिलेश यादव ने अपने बयान में यूपी की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि जो प्रदेश प्रधानमंत्री देता हैं उसके किसानों के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं? यदि हम यूपी का ही उदाहरण लेते हैं, तो आंकड़े बताते हैं कि निवेश की स्थिति कैसी होगी। इनके परियोजनाओं को देखते हुए, वे समय पर पूरा नहीं हुआ हैं। सरकार को बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है। लेकिन उत्तर प्रदेश, जो देश का प्रधानमंत्री देता है , क्या किसानों के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय हैं? किसान की फसल की पैदावार और मूल्य का कोई उपाय है? उन्‍होंने कहा कि मंडी प्रणाली को मजबूत करने के लिए लाखों करोड़ रुपये हैं। किसानों की आय अब तक दोगुना होनी चाहिए थी अगर वह मजबूत हो गया था। 10 सालों में जो बेरोज़गारी इन्होंने बढ़ाई है उसको कैसे कम करेंगे वो भी आधी-अधूरी नौकरी से? क्या आरक्षण आधी अधूरी नौकरी में मिलेगा? देश की युवा पीढ़ी स्थायी नौकरी चाहती है। जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं मिलेगा जब तक किसानों की समस्याएं हल नहीं होंगी और युवा लोगों को पक्की नौकरी नहीं मिलेगी।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्‍स’ पर लिखा, “संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट, गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों, उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदों से कम है, बल्कि उन्हें मायूस करता है।”उन्‍होंने आगे लिखा कि देश में व्याप्त जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन और 125 करोड़ से अधिक कमजोर वर्गों के उत्थान और उनके लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के बारे में इस नई सरकार में उम्मीद की गई सुधारवादी नीति और इच्छा नहीं है। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोग खुश होंगे? मायावती ने लिखा, देश का विकास और लोगों का उत्थान सिर्फ आंकड़े नहीं होंगे, बल्कि लोगों को दुःखद जीवन से छुटकारा पाने के लिए रोजगार के अवसर, आमदनी और जेब में खर्च करने के लिए पैसे जैसी बुनियादी तरक्की भी महसूस होगी। रेलवे का विकास भी बहुत महत्वपूर्ण है। सरकार, बीएसपी सरकार की तरह, हर व्यक्ति को काम देता है।’

केंद्रीय बजट 2024 पर मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, ‘महिलाओं की सुरक्षा को लेकर होना चाहिए था, (बजट में)कुछ भी नहीं है…किचन का ध्यान नहीं रखा गया है क्योंकि सरकार मंहगाई के बारे में कोई कदम नहीं उठाना चाह रही है।’

बजट को कांग्रेस और सपा ने भी निराशाजनक बताया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह बजट आम लोगों को भ्रमित करेगा। इसमें रोजगार और महंगाई की बात नहीं है।

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