UP CM YOGI : चित्रकूट धाम को उसकी पौराणिक एवं ऐतिहासिक पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध
- प्रदेश सरकार द्वारा मां मंदाकिनी की स्वच्छता, अविरलता एवं श्रीरामघाट के सौन्दर्यीकरण के लिए धनराशि दी गई
- देश और दुनिया से कनेक्टिविटी के लिए चित्रकूट में एयरपोर्ट बनकर तैयार, सप्ताह में 04 दिन 19 सीटर विमान आता
- चित्रकूट एयरपोर्ट के रनवे को और लम्बा बनाया जा रहा, जिससे बड़े विमान भी उतर सकें
- चित्रकूट को बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य युद्धस्तर पर संचालित, इसके लिए 1,300 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये
- महर्षि वाल्मीकि तथा संत तुलसीदास जी की पावन जन्मस्थली के सौन्दर्यीकरण सहित चित्रकूट के पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों में विकास कार्याें को प्रदेश सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही चित्रकूट में मंदाकिनी नदी पर नए पुल की स्वीकृति की घोषणा
UP CM YOGI आदित्यनाथ जी आज जनपद चित्रकूट में श्रीरामघाट पर मां मंदाकिनी की पांच अर्चकों द्वारा होने वाली दैनिक आरती कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने श्रीरामघाट स्थित मां मंदाकिनी के तट पर आरती की तथा श्री महाराजाधिराज मतगजेंद्र नाथ शिव मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।
UP CM YOGI ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें सनातन हिंदू धर्म के इस पावन तीर्थ में आने का अवसर मिला है। आज उन्हें मां मंदाकिनी के सान्निध्य में दर्शन-पूजन करने का सौभाग्य मिला है। यह सनातन धर्म का पौराणिक तीर्थ क्षेत्र है। प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय चित्रकूट में व्यतीत किया था। अति प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों एवं अनेक तपोनिष्ठ सन्तों ने चित्रकूट धाम में रहकर अपनी आध्यात्मिक साधना को नई ऊंचाईयां प्रदान की थी।
UP CM YOGI ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि पूज्य संतों के सान्निध्य में डबल इंजन सरकार को चित्रकूट धाम का विकास करने का अवसर प्राप्त हुआ है। चित्रकूट धाम को उसकी पौराणिक एवं ऐतिहासिक पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा मां मंदाकिनी की स्वच्छता, अविरलता एवं श्रीरामघाट के सौन्दर्यीकरण के लिए पहले ही धनराशि प्रदान कर दी गई है, जिससे चित्रकूट न केवल आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विकास के नए सोपान को छुएगा, बल्कि भौतिक विकास के अच्छे कार्य भी यहां होंगे।
UP CM YOGI ने कहा कि देश और दुनिया से कनेक्टिविटी के लिए यहां एयरपोर्ट बनकर तैयार है। अभी सप्ताह में चार दिन 19 सीटर का विमान आता है। यहां के रनवे को और लम्बा बनाया जा रहा है, जिससे बड़े विमान भी उतर सकें। बड़े विमानों के उतरने से दिल्ली, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी सहित देश के अन्य भागों से वायु सेवा चित्रकूट से जुड़ेगी। हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीराम लंका विजय के उपरान्त पुष्पक विमान से यहां आए होंगे। हजारों वर्षों के बाद चित्रकूट सहित उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेशवासियों के लिए यह अवसर आया है कि इस ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थल से हवाई सेवा की सुविधा उन्हें प्राप्त होगी।
UP CM YOGI ने कहा कि चित्रकूट को बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य युद्धस्तर पर संचालित किया जा रहा है। इसके लिए 1,300 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही की जा रही है। चित्रकूट के लिए बाईपास के निर्माण एवं लालापुर स्थित महर्षि वाल्मीकि की पावन जन्मस्थली के सौन्दर्यीकरण एवं पुनरोद्धार तथा संत तुलसीदास जी की पावन जन्मस्थली की सुरक्षा एवं उसके सौन्दर्यीकरण सहित यहां के पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों में विकास कार्याें को भी प्रदेश सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही है। यमुना नदी से सन्त तुलसीदास जी की जन्मस्थली की सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश सरकार ने स्वामी रामभद्राचार्य जी के द्वारा स्थापित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय का राजकीयकरण किया है। अब यहां सरकार के स्तर पर कुछ नए पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे। जिससे दिव्यांग बच्चों के साथ-साथ सामान्य बच्चों की पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था की जा सके। राज्य सरकार यहां उत्तर प्रदेश डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर, पवित्र कामदगिरि परिक्रमामार्ग सहित यहां आध्यात्मिक एवं धार्मिक पर्यटन कार्यों के साथ ही, ईको टूरिज्म के बेहतरीन सेण्टर के रूप में विकसित करने के लिए रानीपुर टाइगर रिजर्व को भी अच्छे ढंग से आगे बढ़ाना चाहती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चित्रकूट में मंदाकिनी नदी पर एक बहुत पुराना पुल है। यहां के लिए नए पुल की स्वीकृति की घोषणा की गयी है, जिससे चित्रकूट की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जा सके। इससे यहां पर जिला मुख्यालय एवं अन्य स्थानों से आवागमन को और सुगम किया जा सकेगा। इसके साथ ही, यहां की अन्य सड़कों के कार्यों को भी प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं संतगण उपस्थित थे।