UP CM Yogi Adityanath : 25,000 बेड की क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गयी

UP CM Yogi Adityanath : 25,000 बेड की क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गयी

CM Yogi Adityanath ने प्रयागराज महाकुम्भ मेला क्षेत्र में 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों तथा कम्प्यूटरीकृत खोया-पाया केन्द्र का उद्घाटन किया

  • इन आश्रय स्थलों का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को आरामदायक, सुरक्षित ठहराव प्रदान करना, साथ ही उनकी यात्रा को सुलभ और सुविधाजनक बनाना
  • सार्वजनिक आश्रय स्थलों के उपयोग के लिए शुल्क की व्यवस्था सरल और सुलभ रखी गई

CM Yogi Adityanath जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 को दिव्य और भव्य बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए हरसम्भव प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार सर्दी के कठोर मौसम में श्रद्धालुओं के ठहराव और उनकी सुरक्षा के लिए का पूरा ध्यान रख रही है। मुख्यमंत्री जी ने आज प्रयागराज महाकुम्भ मेला क्षेत्र में 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया। उन्होंने महाकुम्भ मेला क्षेत्र में कम्प्यूटरीकृत खोया-पाया केन्द्र का उद्घाटन भी किया।

CM Yogi ने कहा कि महाकुम्भ जैसे भव्य आयोजन के दौरान तीर्थयात्रियों और आगंतुकों की भारी संख्या को देखते हुए सार्वजनिक आश्रय स्थलों की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है। परम्परागत रूप से तीर्थयात्री और साधु-संत खुले स्थानों या परिसंचरण क्षेत्रों में समय बिताते हैं, जिससे सर्द मौसम में उनके लिए कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 25,000 बेड की कुल क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है। इन आश्रय स्थलों का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को न केवल आरामदायक और सुरक्षित ठहराव प्रदान करना है, बल्कि उनकी यात्रा को सुलभ और सुविधाजनक भी बनाना है। महाकुम्भ के लिए तैयार किए गए सार्वजनिक आश्रय स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इनमें प्रत्येक आश्रय स्थल पर 250 बेड की क्षमता होगी। बेड के साथ गद्दे, तकिये और साफ चादरें उपलब्ध कराई जाएंगी। पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर की व्यवस्था की गई है। इन आश्रय स्थलों में नियमित सफाई, जिसमें चादरों का परिवर्तन शामिल है, सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, स्वच्छ पेयजल और चौबीस घण्टे सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। इन सुविधाओं का उपयोग श्रद्धालुगण नाममात्र शुल्क पर कर सकेंगे, जिससे महाकुम्भ में सभी वर्गों के लोगों को ठहरने का विकल्प मिलेगा। सार्वजनिक आश्रय स्थलों के उपयोग के लिए शुल्क की व्यवस्था सरल और सुलभ रखी गई है। सामान्य दिनों में, श्रद्धालुओं को पहले दिन के लिए 100 रुपये और दो दिन रुकने पर पहले दिन 100 रुपये और दूसरे दिन 200 रुपये का भुगतान करना होगा। मुख्य स्नान पर्व और उसके आसपास के दिनों में, यह शुल्क पहले दिन के लिए 200 रुपये और दो दिन के ठहराव के लिए पहले दिन 200 रुपये और दूसरे दिन 400 रुपये होगा। श्रद्धालु नकद या डिजिटल माध्यम (यू0पी0आई0) से भुगतान कर सकते हैं, जिसके बाद उन्हें टिकट जारी किया जाएगा।

CM Yogi Adityanath जी ने कहा कि सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए है, जो होटल, गेस्ट हाउस या निजी शिविर का खर्च नहीं उठा सकते। इन सार्वजनिक आश्रय स्थलों से न केवल उनकी यात्रा किफायती बनेगी, बल्कि वे सर्द मौसम में आराम और सुरक्षा का अनुभव भी कर सकेंगे। यह पहल सर्दी के कठोर मौसम में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुकूनदायक और यादगार अनुभव प्रदान करेगी।

CM Yogi ने महाकुम्भ 2025 की तैयारियों के तहत प्रयागराज मेला क्षेत्र में कम्प्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन किया। यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जिससे श्रद्धालुओं की गुमशुदगी सम्बन्धी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सकेगा। इस पहल से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और संगठित अनुभव मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ 2025 को न केवल एक धार्मिक आयोजन के रूप में, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का जीवन्त प्रतीक बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारतवर्ष की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करेगा। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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