Unnao परिणाम 2024: उन्नाव में 31 हजार से अधिक वोटों से साक्षी महाराज जीते, अन्नू टंडन दूसरे स्थान पर रहे

by editor
Unnao परिणाम 2024: उन्नाव में 31 हजार से अधिक वोटों से साक्षी महाराज जीते, अन्नू टंडन दूसरे स्थान पर रहे

2024 में Unnao Lok: सुबह आठ बजे उन्नाव लोकसभा सीट पर मतगणना शुरू हुई। भाजपा के अन्नू टंडन ने 31 हजार से अधिक वोटों से सपा के साक्षी महाराज को हराया है।

2024 में Unnao के परिणाम: भाजपा के साक्षी महाराज ने उन्नाव लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाया है। उन्होंने तीसरी बार चुनाव जीतते हुए सपा के अन्नू टंडन को 31हजार से अधिक वोटो से हराया है। शुरुआती दौर में वह दूसरे स्थान पर थे। लेकिन चौथे राउंड से वे आगे बढ़ने लगे। तीसरे स्थान पर बसपा के अशोक कुमार पांडेय हैं, जिन्हें 57 हजार वोट मिले हैं।

3:15 PM- भाजपा के साक्षी महाराज 416438 के साथ पहले नंबर पर हैं (+ 31822)। सपा की अन्नू टंडन 384616 वोटों से दूसरे स्थान पर हैं।

1:20 PM– भाजपा के अन्नू टंडन 8459 की मार्जिन से आगे चल रहे हैं।

11:35 AM– BJP के साक्षी महाराज 82860 (+1352) आगे चल रहे हैं। कांग्रेस के अन्नू टंडन 81508 (-1352) पीछे हैं।

10:20 AM- 4 राउंड की गिनती के बाद, भाजपा के साक्षी महाराज 5438 वोटों से राउंड में सपा की अन्नू टंडन से आगे हैं।

8:45 PM- भाजपा के साक्षी महाराज, पोस्टल बैलट की गिनती में सपा की अन्नू टंडन से आगे चल रहे हैं।

8:00 AM- उन्नाव सीटों पर मतगणना शुरू हुई है।

भाजपा के साक्षी महाराज तीसरी बार चुनाव में हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह चार लाख से अधिक मतों से जीता था।यह प्रदेश की चौथी सबसे बड़ी जीत थी। 2014 में अपने ही तीन लाख से अधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड उन्होंने तोड़ा था।

2019 के लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज ने 703517 वोट प्राप्त किए, जबकि सपा के अरुण शंकर शुक्ला ने 302551 वोट प्राप्त किए। कांग्रेस के अन्नू टंडन ने 185634 वोट हासिल किए थे। 2014 के चुनाव में साक्षी महाराज ने 518,834 वोट हासिल किए थे। अरुण शंकर शुक्ल (सपा) को 208661 वोट मिले थे। बसपा के ब्रजेश पाठक ने 200176 वोट और कांग्रेस के अन्नू टंडन ने 197098 वोट प्राप्त किए।

लखनऊ और कानपुर के बीच बसे उन्नाव में अब जातिवाद विकास की जगह लेता है। 1952 में पहला लोकसभा चुनाव यहां हुआ था। किसानों के नेता पंडित विश्वंभर दयाल त्रिपाठी ने इस चुनाव में कांग्रेस का पक्ष लिया था। 1957 के दूसरे चुनाव का नाम भी उनका था। 1960 में पंडित विश्वंभर दयाल त्रिपाठी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस ने उन्नाव लोकसभा की सीट जीती। इस चुनाव में लीलाधर अस्थायी सांसद बन गए। कृष्णदेव त्रिपाठी और जियाउर रहमान अंसारी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की और संसद में पहुंचे। 1977 के चुनाव में कांग्रेस की जीत टूट गई।गैर-कांग्रेसी प्रत्याशी राघवेंद्र सिंह जीत गए। कांग्रेस प्रत्याशी जियाउर रहमान ने इस चुनाव के तुरंत बाद उन्नाव लोकसभा सीट को फिर से कांग्रेस के नाम कर दिया। 1980 और 1984 के लोकसभा चुनावों में वह दो बार विजयी हुआ था। उन्हें इस दौरान केंद्र सरकार में मंत्री भी बनने का मौका मिला। 1989 से 2004 के बीच हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस नेता जीत नहीं पाए। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अन्नू टंडन ने जीत हासिल की थी। जबकि देवी बक्श सिंह 1991, 1996 और 1998 में भाजपा से सांसद बने थे।2014 और 2019 में साक्षी महाराज दो बार भाजपा के सांसद चुने गए।

भाजपा ने विधानसभा की सभी छह सीटों पर जीत हासिल की

भाजपा ने उन्नाव लोकसभा क्षेत्र की सभी छह विधानसभा सीटों पर पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी। पंकज गुप्ता ने सदर विधानसभा से जीत की हैट्रिक लगाई थी। जबकि पुरवा से अनिल सिंह, भगवंतनगर से आशुतोष शुक्ला, मोहान से ब्रजेश रावत, सफीपुर से बंबालाल दिवाकर और बांगरमऊ से श्रीकांत कटियार सिंह विजयी हुए।

 

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