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Union Minister Shivraj Singh ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की

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Union Minister Shivraj Singh ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की


Union Minister Shivraj Singh ने राज्यों के मंत्रियों से बजट के संबंध और जारी योजनाओं के सुधार के संबंध में सुझाव मांगे

  • नए वर्ष में नए संकल्पों के साथ कृषि विकास व किसान कल्याण के कामों को हम तेज गति से आगे बढ़ाएंगे: श्री चौहान
  • इस वर्ष कृषि क्षेत्र व संबद्ध क्षेत्र की विकास दर साढ़े 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना : केंद्रीय मंत्री
  • सरकार ने फैसला किया है कि सैटेलाइट बेसड यानी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से अब फसल के नुकसान का सही व सटीक आकलन होगा : श्री चौहान
  • उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य का अंतर पाटने के लिये सरकार ने परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है: श्री शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास Minister Shivraj Singh ने आज नई दिल्ली में राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की वर्चुअल  माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्रालय के विभिन्न कार्यों की समीक्षा करते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नए वर्ष में नए संकल्पों के साथ कृषि विकास व किसान कल्याण के कामों को हम तेज गति से आगे बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीन से कहा था कि मैं तीसरे टर्म में तीन गुना ताकत से काम करूंगा, हम भी संकल्प लें कि अपनी पूरी क्षमता से काम में जुटेंगे। श्री चौहान ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस वर्ष कृषि क्षेत्र व संबद्ध  क्षेत्र की विकास दर साढ़े 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है। इसके लिए मैं अपने किसान भाइयों और सभी राज्यों के मंत्रियों को बधाई देता हूं क्योंकि आप सभी के परिश्रम से ही यह परिणाम आते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किसान कल्याण और कृषि क्षेत्र में विकास की हमारी 6 सूत्रीय रणनीति है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उत्पादन बढ़ाना – प्रति हेक्टेयर या प्रति एकड़ उत्पादन कैसे बढ़ सकता है यह सरकार की रणनीति है, उसके लिए आईसीएआर लगातार रिसर्च करके उन्नत बीजों की किस्म को जारी करता है। सूक्ष्म सिंचाई योजना, मैकेनाइजेशन, तकनीक का प्रयोग, नई कृषि पद्धतियां आदि अनेकों दिशा में हम काम कर रहे हैं।  उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन की लागत कैसे घटे? आय को तेजी से बढ़ाने के लिए उत्पादन की लागत कम करने होगी आदि पर काम कर रहे हैं।

केंद्रीय Minister Shivraj Singh ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि प्रारंभ की है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि अब तक 11 करोड़ किसानों को 18 किश्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये (3 लाख 46 हजार करोड़ रुपये) की राशि वितरित की गई है।

मोदी जी के तीसरे कार्यकाल के प्रथम 100 दिनों में 25 लाख से ज्यादा पात्र किसानों जोड़ा गया।18वीं किश्त का लाभ लेने वालों की संख्या बढ़कर 9.58 करोड़ (9 करोड़ 58 लाख) हुई।

उन्होंने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है। इसमें ऋणी आवेदन 876 लाख हैं और गैर-ऋणी आवेदन 552 लाख हैं। कुल 14.28 करोड़ (14 करोड़ 28 लाख) किसानों ने आवेदन किया है, 602 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बीमित है और सकल बीमित राशि 2,73,049 करोड़ रुपये (2 लाख 73 हजार 049 करोड़ रुपये) है। 4 करोड़ किसानों को योजना से लाभ मिला है।  योजना के प्रारंभ से अब तक 17 हज़ार करोड रुपए क्लेम के रूप में किसान भाइयों को दिया जा चुका है।

Minister Shivraj Singh ने बताया कि कहा कि हमारे यहां उत्पादन की लागत घटाने के लिए फर्टिलाइजर पर सब्सिडी की व्यवस्था है पिछले साल1लाख 95 हज़ार करोड रुपए खर्च हुए थे।  कैबिनेट ने 1 जनवरी को फैसला लिया है कि फसल बीमा योजना में पहले से जो 66हज़ार करोड रुपए का प्रावधान था उसे बढ़ाकर 69 हज़ार करोड रुपए से ज्यादा कर दिया गया है। फर्टिलाइजर सब्सिडी जैसे DAP अब 1350 रुपए कीमत पर प्रति 50 किलो ग्राम की बोरी मिलेगी, इसके liye 3800 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।

Minister Shivraj Singh ने बताया कि किसान क्रेडिट पर कम ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था से लेकर अनेकों उपाय किए गए हैं। किसानों को अपने उत्पादन का ठीक दाम मिले इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की व्यवस्था है।  उन्होंने बताया कि गेहूं और चावल जितना भी आता है उसे एमएसपी पर  खरीदने की व्यवस्था की जाती है। 2014-15 से 2024 25 तक 7 हजार 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है और  71 करोड़ 75 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया है। प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत       1,60,818.63 मीट्रिक टन (1 लाख 60 हजार 818 मीट्रिक टन) तिलहन, दालें और कोपरा की खरीदी की गई। 2014-15 से 2024-25 तक 3,338 लाख (33 करोड़ 38 लाख) मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा गया जिसके लिये 2.83 करोड़ (2 करोड़ 83 लाख) किसानों को 6.04 लाख करोड़ (6 लाख 4 हजार करोड़) रुपये MSP दी गई। 2019-20 से 2024-25 तक 3.6 लाख (3 लाख 60 हजार) मीट्रिक टन मक्का खरीदा गया जिसकी MSP 660 करोड़ रुपये है। 2019-20 से 2024-25 तक 41.19 लाख (41 लाख 19 हजार) मीट्रिक टन मोटे अनाज (श्रीअन्न) की खरीदी की गई जिसकी MSP 12,153 करोड़ (12 हजार 153 करोड़) रुपये है। 2014-15 से 2024-25 तक 171 लाख मीट्रिक टन दाल की खरीदी की गई, जिसके लिये 94.51 लाख (94 लाख 51 हजार) किसानों को 91,892 करोड़ (91 हजार 892 करोड़) रुपये MSP दी गई। MSP के तहत 1,588.48 करोड़ रुपये (1 हजार 588 करोड़) का भुगतान किया गया, जिससे 1,33,358 (1 लाख 33 हजार 358) किसान लाभान्वित हुए।

उन्होंने बताया कि एग्री इंफ्रा फंड के तहत ऋण देने वाले संस्थान 1 लाख करोड़ रुपये का ऋण देंगे।      2024 तक 85,314 करोड़ (85 हजार 314 करोड़) परियोजनाओं के लिये 51,783 करोड़ (51 हजार 783 करोड़) रुपये की स्वीकृति दी गई है।इसमें 39,148 करोड़ (39 हजार 148 करोड़) रुपये योजना लाभों के अंतर्गत कवर किया गया है। स्वीकृत परियोजनाओं से कृषि क्षेत्र में 85,208 करोड़ (85 हजार 208 करोड़) रुपये का निवेश जुटाया गया है।

Minister Shivraj Singh ने कहा कि फसल के भी विधिकरण के लिए भी ध्यान देना आवश्यक है। राज्य भी इस दिशा में अपनी तरफ से बेहतर प्रयास कर रहे हैं। अनाज हो या हॉर्टिकल्चर इनमें लगातार उत्पादन बढ़ा है। खाद्यान्न उत्पादन 2013-14 में 265.05 मिलियन टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 328.85 मिलियन टन हो गया। साथ ही बागवानी उत्पादन 352.23 मिलियन टन दर्ज किया गया। राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के अंतर्गत 1.38 लाख (1 लाख 38 हजार) हेक्टेयर क्षेत्र में पाम ऑइल की खेती को बढ़ावा देने के लिये केंद्रीय हिस्से के रूप में 15 राज्यों को 99,311.36 लाख (993 करोड़ 11 लाख 36 हजार) रुपये की राशि आवंटित करने की मंजूरी।

श्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है हम सब उसके लिए लगातार प्रयत्न कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक और अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत अनियंत्रित केमिकल फ़र्टिलाइज़र के प्रयोग से जो धरती को नुकसान हो रहा है उसके लिए प्राकृतिक खेती मिशन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में कैबिनेट ने स्वीकृति दी है, उसे हम सबको मिलकर प्रारंभ करना है।

Minister Shivraj Singh ने कहा कि आज की बैठक का मुख्य फोकस दो चीजों पर है राज्यों में कृषि के विषयों पर चर्चा के लिए आप सभी का मैं स्वागत करता हूं । हर मुद्दे पर बात करने के लिए मैं आपको आमंत्रित करता हूं आज की बैठक का मुख्य उद्देश्य है कि हम अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आने वाले बजट में सुझाव दें। उसके लिए किसानों और स्टेक होल्डर से भी बात की है। कृषि मंत्री किसानों की समस्याओं के बारे में बेहतर ढंग से बता सकते हैं। बजट के संबंध और जारी योजनाओं के अंतर्गत कोई सुझाव व संशोधन की आवश्यकता हो तो उसके संबंध में आवश्यक सुझाव दें।

बैठक के दौरान श्री चौहान ने SBI की वित्तीय वर्ष 2024 में पहली बार ग्रामीण गरीबी दर 5% से नीचे होने की रिपोर्ट पर खुशी जताते हुए चर्चा की। सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में ग्रामीण गरीबी 4.86 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2023 में 7.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2012 की बात करें तो 25.7 प्रतिशत से तेज गिरावट है। इसी तरह, शहरी गरीबी वित्त वर्ष 2024 में घटकर 4.09 प्रतिशत हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 4.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2012 में 13.7 प्रतिशत थी।      हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि पिछले दस साल में 23 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं।

उन्होंने फसल बीमा योजना के संबंध में बताया कि पहले क्रॉप कटिंग मैन्युअल से नुकसान का आकलन होता था। सरकार ने फैसला लिया है कि इसे अब सैटेलाइट बेसड यानी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। इससे फसल के नुकसान का सही व सटीक आकलन होगा और डीबीटी के माध्यम से उचित समय पर राशि हस्तांतरित की जाएगी, अगर कोई बीमा कंपनी क्लेम देने में विलंब करेगी तो उसे राशि पर 12% ब्याज देना होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र अपने हिस्से की राशि तत्काल देगा। उन्होंने राज्यों से अपील करते हुए कहा कि वह भी ऐसी स्थिति में तत्काल पैसा देने का प्रबंध करें। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों में मौसम आधारित फसल के लिए भी कई इंतजाम किए जा रहे हैं और किसानों के हितों में पिछले दिनों में कई फैसले किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि टॉप (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों के मामले में, कटाई के चरम समय के दौरान उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य का अंतर पाटने के लिये सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा किये गए कामों के लिये परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।

तिलहनों के विकल्प के रूप में मूल्य घाटा भुगतान योजना के क्रियान्वयन के लिये राज्य आगे आयें, इसके लिये कवरेज को तिलहनों के राज्य उत्पादन के मौजूदा 25% से बढ़ाकर 40% किया गया है। अवधि को भी 3 महीने से 4 महीने किया गया है। 2024-25 के लिये सोयाबीन में मॉइश्चर सीमा 12% से बढ़ाकर 15% की गई। 6 राज्यों से अब तक 11.41 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी गई है और यह अब भी जारी है।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा है, किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। यही मानकर कृषि विभाग आप सभी राज्यों के सहयोग से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि बजट के बारे में, योजनाओं में सुधार आदि के संबंध में मिलकर सुझावों को साझा करें और उस दिशा में हम मिलकर कदम आगे बढ़ाएं।

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