Union Minister : डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सरकार के सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों के सचिवों की संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

Union Minister : डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सरकार के सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों के सचिवों की संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

Union Minister ने 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों, नवाचार विपणन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर जोर दिया

  • डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को “विकसित भारत” राष्ट्र में रूपांतरित के स्वप्न को साकार करने के लिए सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ केंद्र और राज्य के प्रयासों को “संपूर्ण सरकार” तथा “संपूर्ण विज्ञान” के दृष्टिकोण के साथ जोड़ने का आह्वान किया
  • केंद्रीय मंत्री ने 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों, नवाचार विपणन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर जोर दिया
  • स्थायी और प्रगतिशील इकोसिस्टम बनाने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने की आवश्यकता जताई

Union Minister डॉ. जितेन्द्र सिंह,केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सरकार के सभी विज्ञान मंत्रालयों तथा विभागों के सचिवों की संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को “विकसित भारत” राष्ट्र में रूपांतरित के स्वप्न को साकार करने के लिए सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों को “संपूर्ण सरकार” तथा “संपूर्ण विज्ञान” के दृष्टिकोण के साथ जोड़ने का आह्वान किया।

Union Minister डॉ. जितेन्द्र नई दिल्ली में सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों के सचिवों की मासिक संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

केंद्रीय मंत्री ने आज आयोजित विज्ञान सचिवों की मासिक बैठक के दौरान संबंधित राज्य वैज्ञानिक परिषदों से वैज्ञानिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विज्ञान में सहकारी संघवाद के महत्व का उल्लेख करते हुए एक स्थायी और प्रगतिशील इकोसिस्टम बनाने के लिए सभी हितधारकों को के साथ लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

यह बैठक भारत के वैज्ञानिक इकोसिस्टम को सशक्त बनाने के लिए चल रहे कार्यक्रमों के मूल्यांकन व भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है।

Union Minister डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नवाचार को गति देने, क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देने के लिए राज्य स्तर की वैज्ञानिक परिषदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से वैज्ञानिक सोच विकसित करने, जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने और विशिष्ट चुनौतियों से निपटने के लिए स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लक्ष्य के साथ उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने का आह्वान किया।

इस चर्चा का मुख्य विषय भारत की वैज्ञानिक एजेंसियों से उभरने वाले नवाचारों के लिए बाजार पूंजीकरण का महत्व था। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने निवेश आकर्षित करने और स्वास्थ्य सेवा, कृषि व जलवायु लचीलेपन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए सरकार से समर्थित संस्थानों से अत्याधुनिक समाधानों को बढ़ावा देने और उन्हें बाजार में लाने की आवश्यकता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक नवाचार प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इन्हें प्रभावशाली व बाजार हेतु तैयार समाधानों में परिवर्तित किया जाना चाहिए, जो उद्योगों को सशक्त बनाएं और जीवन में सुधार लेकर आएं।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सरकार से सहायता प्राप्त सफल नवाचारों के उदाहरण दिए और विभागों को इन सफलता की गाथाओं को निजी हितधारकों से विश्वास एवं निवेश हेतु प्रेरित करने के लिए मॉडल के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। Union Minister डॉ. जितेन्द्र ने कहा कि भारत, प्रौद्योगिकियों का प्रभावी ढंग से विपणन करके स्वयं को नवाचार और प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों में वैश्विक रूप से अग्रणी राष्ट्र के तौर पर स्थापित कर सकता है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने एक ऐसे ढांचे की वकालत की, जो प्रयोगशाला स्तर की सफलताओं के व्यावसायीकरण को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी सहयोग को सक्षम बनाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुसंधान और वास्तविक विश्व के अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटने के लिए ऐसी साझेदारियां आवश्यक हैं, जिनसे यह सुनिश्चित हो सके कि नवाचार सुलभ, मापनीय तथा प्रभावशाली हों।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वैज्ञानिक इकोसिस्टम में सहकारी संघवाद की आवश्यकता पर भी जोर दिया और राज्यों से एकीकृत वैज्ञानिक ढांचा बनाने के लिए केंद्रीय कार्यक्रमों के साथ जुड़ने का आग्रह किया। Union Minister डॉ. जितेन्द्र ने कहा कि इस दृष्टिकोण से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, वैज्ञानिक सोच का विस्तार होगा और देश भर में प्रौद्योगिकीय प्रगति के लाभों तक समान पहुंच सुनिश्चित होगी। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य वैज्ञानिक परिषदों को इस अवसर पर आगे आना चाहिए और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक साथ मिलकर काम करके, हम 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए अपने वैज्ञानिक संसाधनों की पूरी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं।

विज्ञान सचिवों की मासिक बैठक में सहयोग, नवाचार और व्यावसायीकरण के माध्यम से एक सशक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित इकोसिस्टम के निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता सिद्ध हुई है। Union Minister डॉ. जितेन्द्र ने केन्द्र और राज्य सरकार के प्रयासों को एकीकृत करने, सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने और नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में विज्ञान की परिवर्तनकारी भूमिका को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि यह समग्र विज्ञान दृष्टिकोण भारत को प्रौद्योगिकी और सामाजिक प्रगति में वैश्विक रूप से अग्रणी राष्ट्र के तौर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद ने वरिष्ठ सचिवों और अधिकारियों के दल का नेतृत्व किया।

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