Home भारत Union Health Secretary ने 77वीं विश्व स्वास्थ्य असेम्‍बली के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित किया

Union Health Secretary ने 77वीं विश्व स्वास्थ्य असेम्‍बली के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित किया

by editor
Union Health Secretary ने 77वीं विश्व स्वास्थ्य असेम्‍बली के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित किया

भारत ने 1,60,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को चालू करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा देने के लिए आयुष्मान भारत अर्थात “लिव लॉन्ग इंडिया” की शुरुआत की : Union Health Secretary

“पिछले दशकों में एमएमआर और आईएमआर में उल्लेखनीय गिरावट दिखाते हुए, भारत एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है। आज, भारत विसेरल लीशमैनियासिस रोग को खत्म करने की कगार पर है और इसने टीबी के मामलों और मृत्यु दर को भी कम किया है”

“भारत वैश्विक सहयोग के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं में एक प्रकाश स्तंभ देश के रूप में उभरा है”

“भारत डब्ल्यूएचओ के सहयोग से सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उत्पादों तक त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने के लिए दवा नियामक प्रणाली को और मजबूत करने का इरादा रखता है”

“भारत आम सहमति बनाने और वैश्विक स्वास्थ्य संरचना की रूपरेखा का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आईएनबी और आईएचआर प्रक्रियाओं में रचनात्मक रूप से लगा हुआ है जो हमें भविष्य की महामारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए सक्षम बनाएगा”

जिनेवा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री अपूर्व चन्‍द्रा ने आज विश्व स्वास्थ्य संगठन की 77वीं विश्व स्वास्थ्य असेम्‍बली के पूर्ण सत्र को संबोधित किया।

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने अपने संबोधन की शुरुआत इस वर्ष की विषय वस्‍तु, “स्वास्थ्य के लिए सभी, सभी के लिए स्वास्थ्य” और सदियों पुरानी भारतीय परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की समानताओं पर प्रकाश डालते हुए की, जिसका अर्थ है “पूरा विश्व एक परिवार है”। उन्होंने कहा कि इस विषय वस्‍तु के तहत, “भारत ने 1,60,000 से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्रों (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) को चालू करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा देने के लिए आयुष्मान भारत यानी “लिव लॉन्ग इंडिया” की शुरूआत की है।”

श्री अपूर्व चन्‍द्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डब्ल्यूएचओ स्पार रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति का पता लगाने, उसका आकलन करने, उसकी जानकारी देने और उसका जवाब देने के लिए 86 प्रतिशत कोर क्षमता स्कोर है, जो दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और वैश्विक औसत से अधिक है। उन्होंने कहा, “पिछले दशकों में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में उल्लेखनीय गिरावट दिखाते हुए, भारत एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है। आज, भारत विसेरल लीशमैनियासिस (वीएल) बीमारी को खत्म करने की दहलीज पर है और इसने टीबी के मामलों और मृत्यु दर को भी कम किया है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) पर भी जोर दिया, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना है, जो 343 मिलियन से अधिक लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती होने पर माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 6000 डॉलर का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है, जिससे अपने पास से होने वाले खर्च में कमी आती है। स्वास्थ्य देखरेख में डिजिटल पहल के साथ, उन्होंने कहा कि “भारत वैश्विक सहयोग के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं में एक प्रकाशस्तंभ देश के रूप में उभरा है”।

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि “चिकित्सा उपायों तक समान पहुंच सभी के लिए मौलिक अधिकार होना चाहिए”। वैक्सीन आपूर्ति के लिए वैश्विक उत्पादन में भारत के 60 प्रतिशत योगदान पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा “डब्ल्यूएचओ के सहयोग से भारत सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उत्पादों तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए दवा नियामक प्रणाली को और मजबूत करने का इरादा रखता है”। उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल वैल्यू टूरिज्म के प्रमुख स्थलों में से एक के रूप में उभर रहे भारत के पास स्वास्थ्य के क्षेत्र में अत्यधिक प्रशिक्षित और अनुभवी कार्यबल है, जो न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में उपचार के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए सहानुभूति के साथ देखभाल कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत भारत में चिकित्सा पर्यटन के लिए हाल ही में जारी नई वीज़ा व्यवस्था – आयुष वीज़ा के बारे में जानकारी दी।

श्री अपूर्व चन्‍द्रा ने यह भी कहा कि “भारत आम सहमति बनाने और वैश्विक स्वास्थ्य संरचना के ढांचे का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अंतर-सरकारी वार्ता निकाय (आईएनबी) और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (आईएचआर) प्रक्रियाओं में रचनात्मक रूप से शामिल है, जो हमें भविष्य की महामारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए तैयार होने और प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाएगा।”

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी सदस्य देशों से निरंतर विकास की आधारशिला के रूप में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से प्रतिबद्ध होने का आग्रह करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया। उन्होंने कहा, “आइए हम सब मिलकर आगे बढ़ें और सभी के लिए उज्जवल भविष्य का निर्माण करें।”

इस अवसर पर केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव सुश्री हेकाली झिमोमी और केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

sourcehttps://pib.gov.in/

 

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