नार्को समन्वय केन्द्र की जिला स्तरीय समिति की बैठक बुधवार को District Collector Jitendra की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट में हुई।
District Collector Jitendra ने कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन न केवल नशे करने वाले व्यक्ति को प्रभावित करता है बल्कि उसके पूरे परिवार को तबाह कर देता है। उन्होंने नशीली दवाओं के अवैध उत्पादन, भंडारण और परिवहन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए ताकि युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके। उन्होंने जयपुर जिले में अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केन्द्रों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग को स्कूलों के 100 गज के दायरे में बिकने वाले गुटखा, बीड़ी, सिगरेट जैसे नशीले पदार्थों पर सीओटीपीए एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर जितेंद्र ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को स्कूल-कॉलेजों के आसपास मेडिकल स्टोरों पर प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री तथा निर्धारित सीमा से अधिक दवाइयों की बिक्री पर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जिला पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आनंद शर्मा ने कहा कि सीओटीपीए अधिनियम, 2003 सिगरेट और तंबाकू से संबंधित उत्पादों की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था। यह अधिनियम सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, तम्बाकू बेचने और तम्बाकू से संबंधित विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है। उल्लंघनों के परिणामस्वरूप जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू एवं नशीले पदार्थों की बिक्री प्रतिबंधित है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों को नशे से दूर रखने के लिए पुलिस विभाग विशेष जागरूकता अभियान ‘ऑपरेशन ‘नॉक आउट’ चला रहा है।
District Collector Jitendra ने अभियान को सफल बनाने के लिए युवाओं से सहयोग मांगा। बैठक में पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों सहित अन्य ने भाग लिया।