उपराष्ट्रपति द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 154वीं बटालियन के सैनिक सम्मेलन में दिए गए भाषण का मूलपाठ

उपराष्ट्रपति द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 154वीं बटालियन के सैनिक सम्मेलन में दिए गए भाषण का मूलपाठ

उपराष्ट्रपति: अनेक अधिकारी और सदस्य जो आपके दल के हैं, आप सभी को मेरा नमन। मेरे लिए ये पल सदा यादगार रहेगा।

Jagdeep Dhankhar: आपके बीच आकर एक नई ऊर्जा का एहसास कर रहा हूं। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का छात्र रहा हूं,  मुझे वर्दी का मूल्य पता है। कक्षा 5 में वर्दी पहनी थी। वर्दी की ताकत लिए, वर्दी की अहमियत, वर्दी आपको किस तरह परिवर्तित कर देती है यह मैंने बचपन में देखा है। आपको देखकर मैं अभिभूत हूं।

देश की प्रथम रक्षा पंक्ति- सीमा सुरक्षा बल उत्कृष्ट रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है। आपका कार्य अत्यंत प्रशसनीय और वन्दीय है।  इस गर्मी में कुछ मिनट खड़ा रहना मुश्किल है। तपती धूप, चारों तरफ का वातावरण, चुनौतीपूर्ण पडोसी और एक-एक पल आपको पलक झुकाने की भी फुर्सत नहीं है। यह सब मैंने आंखों से देखा है।

विषम परिस्थितियों में- हिमालय की ऊंची पहाड़ियों, थार का तपता हुआ रेगिस्तान, पूर्वोत्तर के घने जंगल और दलदल से भरे रण-क्रीक में सीमा सुरक्षा बल के जवान मुस्तैदी से तैनात हैं।  यह किसी भी पुरुषार्थ के लिए अनुकरणीय है, बेमिसाल है।

हर पल आप अपने मोटो “जीवन पर्यन्त कर्तव्य” को चरितार्थ कर रहें हैं। अंतिम पल तक कर्तव्य आपकी कर्तव्य निष्ठा को बयान करता है। और सोचिए जब यह आपका मोटो है तो आपकी माताएँ आपकी बहने जानती हैं कि आपको किन-किन चीजों से गुजरना पड़ सकता है। वह भी साधुवाद की पात्र हैं। सही मायने में वह भी रीढ़ की हड्डी है। मैं नमन करता हूँ उन माताओं को भी जिन्होंने आप जैसे वीर सपूतों एवं वीरांगनाओं को जन्म दिया और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए समर्पित किया।

भारत की बदलती हुई तस्वीर हमने कर्तव्य पथ पर रिपब्लिक डे के दिन हमने देखा और हमारी बेटियां उन्होंने क्या कुछ नहीं कर दिखाया। मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई जब उनकी भागीदारी देखी।

मैं इस मौके पर राष्ट्र के उन प्रहरियों को नमन करता हूँ जो माँ भारती की रक्षा में अपना जीवन न्योछावर कर अमर हो गये। उन वीरों के परिवारजनों को भी विनयपूर्वक नमस्कार करता हूँ।

साथियों, यह गर्व का विषय है कि विश्व की सर्वाधिक संवेदनशील अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात सीमा सुरक्षा बल विश्व का सबसे बड़ी सीमा रक्षक बल है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ 6386.36 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है।  1965 में आपका जन्म हुआ और उसके 5 साल के अंदरआपने क्या-क्या नहीं करके दिखाया। 1971 की जीत आपके बिना संभव नहीं थी।  इतिहास ने 1 करवट ली, एक नया मौका आया। इतिहास में आपकी भागीदारी को कोई भूल नहीं सकता।

आप यहां सीमा पर तैनात हैं, इसी कारण भारतवासी एक सुरक्षित वातावरण में सो पाते हैं। यह आपके धैर्य और पराक्रम का ही परिणाम है कि प्रत्येक भारतीय निर्भय और निश्चिंत होकर देश के सर्वांगीण विकास के काम में निरंतर गतिशील है।

जितनी प्रगति देश में हो रही उसके मूल में आप है। आप नींव का पत्थर हैं। आपकी वजह से विकास का फायदा हर भारतीय को मिल रहा है।

देश के दुश्मनों द्वारा घुसपैठ, तस्करी आदि अपराधों के माध्यम से सीमावर्ती इलाकों में जिस अस्थिरता का माहौल बनाने के प्रयास वर्तमान में किए जा रहे हैं, और जिस ढंग से सीमा सुरक्षा बल द्वारा उसे लगातार निष्फल किया जा रहा है और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा दे रहा है इसके लिए मैं सभी सीमा प्रहरियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

देश की सीमाओं की सुरक्षा के अलावा राष्ट्रीय उद्देश्यों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी आपने प्रशंसनीय कार्य किया है। कोविड के समय में आप लोगों ने क्या कुछ नहीं किया कितना भारी योगदान दिया।  130 करोड़ से ज्यादा की जनता के देश में कोविड जैसी महामारी, को इस बड़ी चुनौती को झेलना आसान नहीं था। आप लोगों ने बहुत जबरदस्त काम किया है।

केन्द्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले स्वच्छता, पर्यावरण सुरक्षा, जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विषयों में भी BSF ने सराहनीय कार्य किया है।  आपके प्रयास सभी सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं, प्रभावित कर रहे हैं, मोटिवेट कर रहे हैं इंस्पायर कर रहे हैं। यह कोई छोटा काम नहीं है।

घर-परिवार से दूर रहकर आप एक नए परिवार में है। वह परिवार जिसमें देश का हर अंश है, विविधता में एकता के प्रतीक है। आपकी कठिन परिस्थितियां मेरे से छिपी हुई नहीं है और और मेरे से भी ज्यादा देश के शीर्ष नेतृत्व से छिपी हुई नहीं है। हर पल आपकी कितनी चिंता है इससे मैं अवगत हूं। कितनी दूरदर्शी सोच है और क्या बड़े बढ़िया-बढ़िया बदलाव देखे जा रहे हैं, सोचे जा रहे हैं। आप जमीनी हकीकत देखेंगे थोड़े समय में।

इसके लिए केन्द्रीय स्तर पर जवानों के हितार्थ विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। सबसे पहले अत्याधुनिक हथियार! मुझे बड़ा अच्छा लगा जब आपसे मैं चर्चा की। उन्होंने कहा मेरे मन में बड़ी पीड़ा है क्या तकनीक से हम हमारे जवान को कुछ राहत दे सकते हैं। दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण सबसे उपयोगी तकनीकी रूप से सर्वश्रेष्ठ हेलमेट की कोशिश कर रहे हैं। ये चिंता चिंतन और सोच को दिखाता है।

नितिन जी का फोकस विशेषकर आपकी  व्यक्तिगत सुरक्षा पर और तकनीकी पर है।  दुनिया के अंदर आप कितना भी बड़ा दान दे दो योगदान दे दो हर पल भारत माता के लिए मिटने का जज़्बा यह कहां है, इसके आप प्रतीक है इसलिए आपकी सुरक्षा कैसे मजबूत की जाए कितनी मजबूत की जाए टेक्नोलॉजी के उपयोग से यह इनके दिमाग में है।

Dog Squad पर नये तरीक़े से फोकस निश्चित रूप से कारगर साबित होगा।  इन्होंने डॉग स्क्वैड के लिए पहली बार एक सोच रखा है Combat Dog Squad जो छिपे रहते हैं इनसरजेंट, जो अचानक आते हैं उनको इस तरीके से डॉग्स squad डील करें, मैं मानता हूं दुनिया में पहले जो अजूबा आप कर रहे हैं वह सफल हो।

देश की सीमाओं के प्रबंधन में हमने नितिन जी से आपके वरिष्ठ अधिकारियों से बात की, तकनीक को और आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि आज के दिन तकनीक में भारत बहुत आगे पहुँच गया है। हमारे इसरो का पराक्रम चंद्रयान-3 में दिखा है जो चांद के उसे भू भाग पर उतरा जहां आज तक कोई नहीं उतर पाया। चांद पर शिव शक्ति पॉइंट होना चांद पर तिरंगा होना, हम दूसरे देशों के सैटेलाइट ऑर्बिट में डाल रहे हैं। अमेरिका के सिंगापुर के सैटेलाइट इसरो लॉन्च कर रहा है। निश्चित रूप से सीमा सुरक्षा के मामले में भी इसरो और हमारी IITs का योगदान लेने में नितिन जी कमी नहीं रखेंगे, यह मैंने आपको सुझाव भी दिया है।

आजकल हर व्यक्ति डिजिटल है। कभी सोचा था भारत इतना डिजिटल हो जाएगा कि वर्ल्ड बैंक का हेड कहेगा कि भारत में जो 6 साल में उपलब्धि की है वह 47 साल में संभव नहीं है। यदि पर कैपिटा पर व्यक्ति डाटा कंजप्शन देखें इंटरनेट का तो अमेरिका और चीन दोनों को मिला लें तो भी हम आगे हैं।

मैं तो किसान परिवार से आता हूं गांव का हर व्यक्ति उपयोग करता है। 10 करोड़ से ज्यादा किसान को साल में तीन बार केंद्र की सहायता मिलती है। उसके बैंक खातों में वित्तीय सहायता केंद्र दे रहा है। अमेरिका से दुगनी आबादी के  जितना तो हमने बैंक के अंदर लोगों को इंक्लूड किया है। भारत बदल रहा है इस बदलाव में आपका बहुत बड़ा हाथ है क्योंकि किसी भी देश में अगर अमन चैन नहीं है तो बदलाव रुक जाता है।

भारत अद्वितीय प्रगति के पथ पर अग्रसर है। भारत अब विकसित राष्ट्र बनने के मार्ग पर निरंतरता से बढ़ रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था जो कुछ वर्ष पहले चिंता का कारण थी। साल 1990 में जब मैं पहली बार सांसद बना और केंद्र में मंत्री बना तब हमारी अर्थव्यवस्था की साइज लंदन शहर से कम थी, पैरिस शहर से कम थी और आज भारत दुनिया की पांचवी बड़ी महाशक्ति है। अर्थव्यवस्था में हमने इंग्लैंड को पीछे छोड़ दिया है हमने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया कनाडा के पीछे छोड़ दिया और आने वाले 2 साल में हम जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ देंगे। कहां से कहां आ गए हैं!

इससे बड़ा मनोबल कोई हो नहीं सकता कि आज से 34 साल पहले देश का सोना गिरवी रखा गया था, अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए। मैं केंद्र में मंत्री था मैंने देखा है क्योंकि हमारा फॉरेन एक्सचेंज कम था। आज हमारे फॉरेन एक्सचेंज 600 बिलियन से ऊपर है। इसमें आपकी भागीदारी का भी योगदान है। जिस दिन आपका अटेंशन हट गया, प्रगति रुक जाएगी इसलिए कहता हूं आपका योगदान निर्णायक है।

सीमा सुरक्षा बल की धूम्रपान यूनिट बड़ा अच्छा काम कर रही है, अद्वितीय है।
ड्रग एब्यूज, ड्रग ट्रैफिकिंग सबसे आपका लगाव है क्योंकि आप इस विनाश कार्य ताकतों को कुंठित करते हैं। समाज में नवयुवकों को प्रेरणा देते हैं। यह छोटा काम नहीं है। आंसू गैस इकाई दंगा-रोधी बलों के लिए आवश्यक आंसू गैस के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।

पहले हमारे यहां कील तक बाहर से आती थी। कल का ही माननीय रक्षा मंत्री का बयान है कि हम डिफेंस में एक्सपोर्ट कर रहे हैं।  तकनीकें हमारे यहां निर्मित हो रही हैं। हवाई जहाज बन रहे हैं। विक्रांत देश में बना, फ्रिगेट्स देश में बने, तेजस देश में बना, हेलीकॉप्टर देश में बना, ब्रम्होस मिसाइल बनी। हम यहाँ तक पहुँच पाए क्योंकि अमन चैन आप कायम करते हो।

आपकी कर्त्यनिष्ठा शांति और अमन को द्योतक है । हमारा भारत विश्व में शांति का दूत है। आप शांति के दूत हैं क्योंकि आपकी वजह से भारत दुनिया में शांति का दूत है। हमने दुनिया को पाठ पढ़ाया है, जो पाठ हमारे सांस्कृति में 5000 साल से है वसुधैव कुटुंबकम। हमने G20 का नारा दिया, इस आधार पर दिया कि हम विश्व के लिए जीते हैं, विश्वास और शांति के लिए जीते हैं और भारत की आवाज आज दुनिया में बुलंदी पर है। ऐसा पहले कभी नहीं था।

मैं सीमा सुरक्षा बल के अपने सभी साथियों को शुभकामनाएं देता हूँ और मुझे पूर्ण विश्वास है कि वो देश की सीमाओं की चौकसी सुचारू रूप से करते रहेंगे तथा बल का नाम रोशन करेंगें।

आने वाली हीरक जयंती के लिए आप सभी के अग्रिम बधाई और शुभकामनाएँ।

आपका राष्ट्र के प्रति समर्पण वंदनीय और प्रेरणादायक है। हर भारतीय का राष्ट्र धर्म है कि हर पल राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखे।

आज हम सभी उस मैराथन मार्च का हिस्सा है जो 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ रही है। आप इसके विशेष और महत्वपूर्ण  भागीदार है।

आपके माध्यम से मैं हर भारतीय को कहना चाहता हूं कि हर हाल में भारत के हित को सर्वोपरि रखें।  नेशन फर्स्ट हमारी फिलॉसफी है। यह भारत मां के लिए भी बहुत कष्ट भरा होगा कि कोई व्यक्ति थोड़े धन के फायदे के लिए देश को बेच दे, राजनीतिक उद्देश्य के लिए भारत की संस्थाओं को कलंकित कर दे। यह नहीं होना चाहिए। हर चीज का स्थान है। हर चीज़ अपनी जगह है पर जहां राष्ट्र का मामला है हमें आप लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए।  तब यह नहीं देखते कौन है कैसे कहां से आया। पहले देश की सेवा करो यह आपका मोटो है।

मैं यही कहूंगा कि आपकी सबसे बड़ी ताकत आपका परिवार है। आपको एक चीज के लिए स्पष्ट करता हूं भारत का नेतृत्व और भारत की संसद आपको और आपकी निष्ठा को बहुत नमन करती है। जब भी यूनिफॉर्म की बात आती है, हमारे मन में एक ही विचार है: आप अनुकरणीय हैं।

We are proud of you. We will ever work for you.

अपने हिसाब से, आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यूनिफॉर्म में हैं। You are handling, my friends, one of the most difficult tasks. The border which you are defending, the border which you are protecting, on the other side, there is a wily enemy, an enemy who has no qualms, not believing in peace and harmony.

हम peace and harmony से अलग नहीं हो सकते। आप सबको शुभकामनाएं कि आप स्वस्थ रहें। और मैं यहां से ऊर्जावान होकर जा रहा हूं, एक नई प्रेरणा लेकर जा रहा हूं। I am leaving this place inspired and motivated.

यह दिन मैं कभी नहीं भूलूंगा, नमस्कार।

Source: https://pib.gov.in/

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