Taj Hotel की कहानी: टाटा ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए बनाया गया, वह ताज होटल आज दुनिया के टॉप-10 सबसे बड़े होटल ब्रांड्स में नंबर वन है।
Taj Hotel: भारत का ताज दुनिया भर के होटलों में सबसे मजबूत ब्रांड है। ताज ने विश्व स्टेटिस्टिक्स के अनुसार टॉप-10 सबसे बड़े होटल ब्रांड्स में पहला स्थान प्राप्त किया है। अमेरिकी होटल दूसरे से पांचवें स्थान पर हैं। अमेरिका का Renaissance होटल दूसरे स्थान पर है। तीसरे पर एक डबल ट्री है, चौथे पर एंबेसी सुइट्स और पांचवें पर मैरिएट है।
चीन के शहर शंघाई में हैंटिंग होटल छठा है। चीन भी सातवें स्थान पर है। यहां JI होटल काबिज है। 8वें स्थान पर अमेरिकी होटल हिल्टॉन है, जबकि हांगकांग का शंगरी-ला 9वें स्थान पर है। स्वीडन का स्कैंडिक होटल्स 10वें स्थान पर है।
होटल ताज की स्थापना की कहानी
होटल ताज नाम सुनते ही लग्जरी फीलिंग आती है। यह होटल अब भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे लोकप्रिय 5 स्टार होटल है। 27/11 को भी इस होटल पर हमला हुआ था। ताज होटल, जो टाटा ग्रुप के जेआरडी टाटा ने बनाया था, 16 दिसंबर 1903 को खुला था। टाटा ग्रुप ने भारत के कई शहर में कई होटल बनाए हैं, लेकिन मुंबई स्थित ताज होटल बनने की कहानी दिलचस्प और रोचक है।
क्यों होटल ताज बना है?
जेआरडी एक बार ब्रिटेन घूमने गए। भारतीय होने के कारण उन्हें वाटसन होटल में ठहरने नहीं दिया गया। यह होटल केवल अंग्रेजों के लिए था। बस तभी उन्होंने ठान लिया कि एक ऐसा होटल बनाएंगे जिसे भारत ही नहीं, पूरी दुनिया देखेगी। यह भारत का पहला होटल था, जहां इंग्लिश बटलर, तुर्की बाथरूम, जर्मन लिफ्ट और अमेरिकी पंखे थे। यहीं भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय डिस्कोथेक भी बनाया गया था।
कभी एक कमरे का किराया 10 रुपये था।
उस होटल में एक सिंगल रूम का किराया 10 रुपये था, जबकि पंखे और अटैच्ड बाथरूम वाले बाथरूम का किराया 13 रुपये था। आज उसी होटल में एक दिन ठहरने के लिए कम से कम 25 हजार रुपये से अधिक खर्च होते हैं।