उपराष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा- भारत की समावेशी बहुपक्षवाद वैश्विक दक्षिण के लिए प्रगति को प्रेरित करता है
- मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से निपटने पर सभी देशों के लिए सामूहिक रूप से ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है- उपराष्ट्रपति
- 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी जी20 सदस्य के रूप में शामिल करना महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक कदम रहा – उपराष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि पुनरुत्थानशील अफ्रीका और उभरता भारत दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत प्रोत्साहन दे सकता है
- यह विस्तार ऐतिहासिक रूप से भारत की मूल्य प्रणाली के विपरीत रहा है- उपराष्ट्रपति धनखड़
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन में उद्घाटन भाषण दिया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने वैश्विक दक्षिण की प्रगति को गति देने में भारत के समावेशी और बहुपक्षीय दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का उदय, जीवंत लोकतंत्र और मानवता के छठे हिस्से का घर वैश्विक स्थिरता और शांति का प्रतीक है।
A resurgent Africa and a rising India can give a strong impetus to South-South Cooperation, especially in areas like clean technology, climate-resilient agriculture, maritime security, connectivity, and the blue economy.#IndiaAfricaConclave@FollowCII #IndiaAfrica pic.twitter.com/acPudcVLRg
— Vice-President of India (@VPIndia) August 21, 2024
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने “समान भविष्य का निर्माण” विषय पर 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सबकी भलाई के लिए एक साझा भविष्य बनाने की दिशा में प्रयासों को समन्वित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों की पहचान सार्वजनिक भागीदारी हो। उन्होंने कहा, “समान भविष्य का निर्माण मानवता के टिके रहने के लिए जरूरी है, और इस चुनौती को अब और टाला नहीं जा सकता।”
‘Creating One Future’ is quintessential to humanity’s sustainability.
Public participation must be its hallmark!
It is critical for all countries to collectively focus their efforts on combating the greatest threat to humanity, climate change – a ticking bomb.
This must be… pic.twitter.com/zrL10v9UXv
— Vice-President of India (@VPIndia) August 21, 2024
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने जलवायु परिवर्तन को ‘एक टिक-टिक करने वाला बम’ और ‘मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा’ बताते हुए सभी देशों से सामूहिक रूप से इस चुनौती का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। जन भागीदारी और प्राकृतिक संसाधनों के इष्टतम उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने आगाह किया कि हमारे पास रहने के लिए इस धरती के अलावा कोई दूसरा ग्रह नहीं है।
श्री धनखड़ ने “साझा इतिहास, समान संघर्ष और न्यायपूर्ण तथा प्रगतिशील भविष्य के लिए आपसी आकांक्षाओं द्वारा निर्मित” भारत और अफ्रीका के बीच गहरे संबंधों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय, सुरक्षा और कूटनीतिक पहलू शामिल हैं। उन्होंने कहा, “पुनरुत्थानशील अफ्रीका और उभरता हुआ भारत दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत गति दे सकता है, खासकर स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जलवायु के अनुरूप कृषि, समुद्री सुरक्षा, संपर्क और नीली अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में।”
India and Africa forge crucial global partnerships to address complex challenges.
India’s rise and inclusive multilateralism drive progress for the Global South.
The inclusion of the African Union as a permanent member of the #G20 during India’s Presidency in 2023 is a matter… pic.twitter.com/n70PoeOHI2
— Vice-President of India (@VPIndia) August 21, 2024
वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने को “गौरव की बात और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक विकास” बताते हुए उपराष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन में अफ्रीकी देशों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीका को और अधिक बुलंदी देने के लिए, हम अफ्रीकी संघ की ‘एज़ुल्विनी सर्वसम्मति’ और ‘सिर्ते घोषणा’ का भी पूरी तरह से समर्थन करते हैं।”
चीता प्रदान करके देश की जैव-विविधता को फिर से बनाने में मदद करने के लिए अफ्रीका के प्रति भारत की कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “इस कदम ने राष्ट्र को उत्साहित किया और भारत तथा अफ्रीका के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव लाया।” उन्होंने अफ्रीकी देशों को अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि भारत ने ऐतिहासिक रूप से कभी विस्तार में विश्वास नहीं किया है। उन्होंने साझेदारी बनाने और उसे मजबूत करने के प्रति भारत के सहभागी दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “भारत, बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण और तकनीकी प्रगति के साथ, सहयोग के लिए कई अवसर प्रदान करता है और पारस्परिक लाभ तथा साझा सफलता के अवसर प्रस्तुत करता है।”
इस कार्यक्रम में बुरुंडी के उपराष्ट्रपति श्री प्रॉस्पर बज़ोम्बांज़ा; गाम्बिया के उपराष्ट्रपति श्री मुहम्मद बी.एस. जलो; लाइबेरिया के उपराष्ट्रपति श्री जेरेमिया कप्पन कोंग; मॉरीशस के उपराष्ट्रपति श्री मैरी सिरिल एडी बोइसेज़न; ज़िम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति डॉ. सी.जी.डी.एन. चिवेंगा; सीआईआई के अध्यक्ष और आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री संजीव पुरी, सीआईआई अफ्रीका समिति के अध्यक्ष और टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष श्री नोएल टाटा, सीआईआई के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
source: https://pib.gov.in