जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने सोमवार को राज्य विधान सभा में कहा कि बांडी सिणधरा बांध के कमाण्ड क्षेत्र में स्थित गांवों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के बाद अधिशेष जल उपलब्ध नहीं होने से नये क्षेत्र में सिंचाई के लिए नहरों अथवा माइनरों का निर्माण प्रस्तावित नहीं है।
श्री सुरेश सिंह रावत शून्यकाल में भीनमाल विधायक श्री समरजीत सिंह द्वारा इस सम्बन्ध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि बांडी सणधरा मध्यम सिंचाई परियोजना का निर्माण बांडी नदी पर 1013 एमसीएफटी भराव क्षमता के लिए वर्ष 2006-07 में पूर्ण किया गया था। बांध से थूर, भरूडी, मुडतरा, तबाव, जोडवाड़ा एवं सोमता गांवों के कुल 6922 हैक्टेयर क्षेत्र में सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि परियोजना में मुख्य नहर, एक वितरिका तथा 6 माइनर-सब माइनर निर्मित है। इनके जीर्णोद्धार एवं मरम्मत के लिए 12 अप्रेल, 2023 को लगभग 8.70 करोड़ रुपये का कार्यादेश जारी किया गया। कार्य पर अब तक लगभग 1.30 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है तथा 31 मार्च, 2025 तक कार्य पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि कार्य पूर्ण होने पर कमाण्ड क्षेत्र के गांवों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलना संभावित है।
श्री रावत ने बताया कि बांडी नदी के किनारे स्थित खानपुर, भादरडा, कोटकास्ता, लेदरमेर, घासेडी, नरता, कुशलपुरा, भालग सेफटा, नासोली, सथला, दासपो व कोरा इत्यादि गांवों को केवल बांध के ओवरफ्लो होने की स्थिति तथा बांध से नदी में पानी छोड़े जाने के दौरान ही लाभ होता है। उन्होंने बताया कि बांडी सिणधरा बांध निर्माण के बाद तीन बार ओवरफ्लो हुआ तथा बांध से नदी में वर्ष 2010. 2011, 2015, 2016, 2017, 2022 एवं 2023 में पानी छोड़ा गया, जिससे नदी किनारे स्थित गांवों के कुओं को लाभ हुआ।
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