पंजाब Vigilance Bureau (वीबी) ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान के दौरान सिविल अस्पताल जालंधर में तैनात एक निजी सुरक्षा गार्ड नरिंदर कुमार और होशियारपुर जिले के गांव चक साधु वाला निवासी को पीसीएमएस डॉक्टर के नाम पर 10,000 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए राज्य Vigilance Bureau के एक प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त आरोपियों के विरुद्ध यह मामला लोकेश निवासी मल्लांवाला खास, जिला फिरोजपुर द्वारा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई लाइन पर दर्ज करवाई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने अपने रिश्तेदार के लिए विकलांगता प्रमाण-पत्र जारी करवाने के लिए सिविल सर्जन जालंधर के कार्यालय में एक हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क किया था, लेकिन उसे ई-ट्राईसाइकिल खरीदने के लिए वांछित विकलांगता का दर्जा नहीं मिल पाया। इसके बाद डॉक्टर द्वारा कार्यालय के बाहर सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात उक्त आरोपी ने अनुकूल विकलांगता प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए 10,000 रुपए की मांग की। शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ हुई बातचीत को अपने फोन पर रिकॉर्ड करके सबूत के तौर पर वीबी को सौंप दिया है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच के दौरान मौखिक साक्ष्य और बातचीत की रिकॉर्डिंग से पुष्टि हुई है और आरोप सही पाए गए हैं। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत Vigilance Bureau के थाना जालंधर रेंज में आरोपी नरिंदर कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उसे कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा और इस मामले में आगे की जांच जारी है।