Ritesh Agarwal: ओयो के सीईओ रितेश अग्रवाल ने हाल ही में कंपनी का आईपीओ टाल दिया था। OYO के संस्थापक रितेश अग्रवाल ने अब इस फंडिंग राउंड के माध्यम से कंपनी की ग्रोथ के लिए वो पैसा लगा रहे हैं.
Ritesh Agarwal: ओयो, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की प्रमुख कंपनी, ने हाल ही में आईपीओ लाने का विचार छोड़ दिया है। OYO के फाउंडर और सीईओ रितेश अग्रवाल ने हाल ही में 830 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी के पिछले फंडिंग दौर में 830 करोड़ रुपये का निवेश सिंगापुर की यूनिट पेशेंट कैपिटल (Patient Capital) ने किया है। इस निवेश की मदद से ओयो ने 1457 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं.
वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर से घटकर 2.4 अरब डॉलर रह गया
जानकारी के अनुसार, नए फंडिंग राउंड के बाद OYO वैल्यूएशन लगभग 75% गिर गया है। 2019 में ओयो का मार्केट मूल्य 10 अरब डॉलर थी, लेकिन अब यह 2.4 अरब डॉलर है। जुलाई 2024 में इनक्रेड वेल्थ ने फंडिंग की पहली किस्त के तौर पर 416.85 करोड़ रुपये प्राप्त किए। 8 अगस्त को, एक कंपनी की ईजीएम में शेयरहोल्डर्स ने 1047 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने की अनुमति दी।
जुलाई की वैल्यूएशन से भी नीचे हुआ फंडिंग राउंड
InCred Wealth ने इस फंडिंग राउंड में 76 करोड़ रुपये का निवेश किया है। मैनकाइंड फार्मा फैमिली के J&A पार्टनर्स ने 120 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि ASK ने 14 करोड़ रुपये का निवेश किया है। 2019 में 10 अरब डॉलर की संपत्ति से अब 2.4 अरब डॉलर हो गई है। डेटा एनालिसिस फर्म ट्रैक्सन (Tracxn) ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 4 जुलाई, 2024 को ओयो की मार्केट वैल्यू 2.72 बिलियन डॉलर थी। फंडिंग राउंड में यह इस स्तर से भी नीचे चली गई है.
लंबे समय के लिए टल जाएगा ओयो का आईपीओ
समाचार पत्रों ने कहा कि ओयो का आईपीओ (Oyo IPO) अब लंबे समय तक टल सकता है। नए फंडिंग राउंड के बाद, कंपनी को आने वाली तिमाहियों में मुनाफा बढ़ने की पूरी उम्मीद है। अब कंपनी आईपीओ पर आगे बढ़ेगी जब वह लगातार तिमाहियों में मुनाफा कमाती है। इसके अलावा, रितेश अग्रवाल ने ओयो में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाने का विश्वास व्यक्त किया है। यही कारण है कि वे निवेश भी कर रहे हैं। नए निवेश से कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 32.57 प्रतिशत हो जाएगी।