Union AYUSH Minister Pratap Rao Jadhav: आयुर्वेद के उपचार को घर-घर तक पहुंचाना है
इस अभियान के माध्यम से शोध क्षेत्र का सबसे बड़ा रिसर्च सैंपल साइज़ प्राप्त होगा
आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव की संकल्पना और मार्ग दर्शन में आयुर्वेद क्षेत्र में शोध के साथ ही आयुर्वेद के बारे में जन जागृति करने हेतु ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान पूरे देश में आयोजित करने के लिए तैयारी की बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की गई।
आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति की अपनी विशिष्ट प्रकृति होती है जो जन्म के समय ही निश्चित हो जाती है। प्रकृति का ज्ञान व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु महत्वपूर्ण होता है।
इस अवसर पर आयुष मंत्री श्री जाधव ने कहा कि मोदी जी ने बहुत विश्वास करके मुझे इस मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है। इस जिम्मेदारी को निभाते हुए मुझे आयुर्वेद को आगे बढ़ाना है और आयुर्वेद को हर घर तक ले जाना है। मैंने ये देखा है कि बीमारी के आखिरी स्टेज में भी आयुर्वेद ने लोगों का उपचार किया है। हमें मिलजुलकर आयुर्वेद के उपचार को घर-घर तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में आधुनिकता होनी चाहिए और ये अभियान हमने आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए शुरू किया है। सामान्य मेडिकल स्टोर की तरह जगह-जगह पर आयुष के स्पेशल मेडिकल स्टोर खोले जाने चाहिए। मोदी जी का हर-घर आयुर्वेद पहुँचाने का सपना हम जरूर पूरा करेंगे।
सचिव आयुष वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि प्रकृति परीक्षण अभियान को विज्ञान के आधार पर एथिकल क्लियरेन्स और डॉक्युमेंटेशन के साथ किए जाने की तैयारी हो रही है। आयुष मंत्रालय, उसकी टीम और आयुर्वेद जगत से जुड़े लोगों का इस अभियान में विशेष योगदान है और हम इस अभियान के माध्यम से बहुत बड़ी सफ़तला अर्जित करके दिखाएंगे।
एनसीआईएसएम अध्यक्ष वैद्य जयंत देव पुजारी ने कहा कि इस अभियान के लिए आयुष मंत्रालय से जुड़ी सभी संस्थाओं को एक सूत्र में जोड़ा गया और सभी राज्यों के कोऑर्डिनेटर्स ने इस अभियान में अपनी सहभागिता की है। एक नोडल एजेंसी के तौर पर एनसीआईएसएम इसे सफल बनाने का प्रयास कर रही है। साथ ही इसकी सफलता के लिए मंत्रालय के सभी संस्थान समग्र रूप से कार्य कर रहे हैं।
इस अभियान को चलाने हेतु देश के सभी आयुर्वेद महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले स्नातक छात्र जिनकी संख्या लगभग 1 लाख 35 हजार है तथा स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने वाले लगभग 20 हजार छात्र, इन महाविद्यालाओं में अध्ययन-अध्यापन कराने वाले 18 हजार अध्यापक और देश में चिकित्सक के रूप में सेवा प्रदान करने वाले लगभग 3 लाख से अधिक चिकित्सक, ऐसे कुल मिलाकर लगभग 4 लाख 73 हजार लोग इस अभियान में स्वयं सेवक के रूप में प्रकृति परीक्षण का कार्य संपादित कराएंगे। इनके माध्यम से एक माह में एक करोड़ से अधिक नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया जा सकेगा। इस अभियान के माध्यम से शोध क्षेत्र का सबसे बड़ा रिसर्च सैंपल साइज़ प्राप्त होगा जिससे यह सामान्य भ्रांति दूर की जा सकेगी कि आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध कार्य नहीं होते।
इस कार्यक्रम में माननीय आयुष मंत्री जी के साथ लोकसभा सांसद श्री अनुराग शर्मा, सचिव आयुष मंत्रालय वैद्य राजेश कोटेचा, एनसीआईएसएम अध्यक्ष वैद्य जयंत देव पुजारी, अध्यक्ष पतंजलि आयुर्वेद आचार्य बालकृष्ण और अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के अध्यक्ष वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा ने अपनी सहभागिता दर्ज की।
source: https://pib.gov.in