Parivartini Ekadashi Vrat: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन होने वाले शुभ योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अनंत लाभ मिलता है।
Parivartini Ekadashi Vrat: हर महीने की एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। एकादशी व्रत करने से पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष मिलता है। परिवर्तिनी एकादशी, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी, शोभन योग का निर्माण करती है। इस समय भगवान विष्णु की पूजा करने से अनंत लाभ मिलता है। आइए परिवर्तिनी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग जानें।
परिवर्तिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त और तिथि
13 सितंबर, शुक्रवार को भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 14 सितंबर, शनिवार को 8 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। यही कारण है कि 14 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
परिवर्तिनी एकादशी पर शोभन योग
ज्योतिषियों का कहना है कि परिवर्तिनी एकादशी पर दुर्लभ शोभन योग बन रहा है। 13 सितंबर को रात 8 बजकर 49 मिनट पर यह योग शुरू होगा और 14 सितंबर को संध्या 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा। अति शुभ शोभन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा, आज दिन भर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग होता है।
पंचांग
- सुबह 6 बजकर 06 मिनट पर सूर्योदय होता है और शाम 6 बजकर 27 मिनट पर सूर्यास्त होता है।
- चन्द्रोदय का समय शाम 4 बजकर 3 मिनट पर
- चंद्रास्त का समय देर रात 2 बजकर 37 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 33 मिनट से 5 बजकर 19 मिनट तक चलता है।
- विजयी समय दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से 3 बजकर 39 मिनट तक है।
- गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 50 मिनट तक चलता है।
- निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक