Arvind Kejriwal ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले दस वर्षों में कच्ची कालोनियों में सड़कें बनाने, फ्री बिलजी, पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक और अस्पताल बनाने के साथ-साथ बहुत कुछ किया है। वहीं, भाजपा की सरकार 22 राज्यों में है, लेकिन कहीं भी 24 घंटे बिजली नहीं है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal ने तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र और दिल्ली मॉडल टाउन में पदयात्रा की। इस दौरान केजरीवाल को फूलमाला पहनाकर लोगों ने स्वागत किया। उन्हें कई महिलाओं ने टीका लगाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं के खाते में जल्द हजार रुपये आएंगे।
केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल ने दिल्ली में छह महीने की सरकार चलाई, लेकिन काम रोकने के अलावा कुछ नहीं किया। केजरीवाल ने कहा कि सड़कें बनने लगी हैं, सीवर सफाई होने जा रही है और साफ पानी मिलने लगा है। सब ठीक हो जाएगा।
उनका दावा था कि दिल्ली सरकार ने पिछले दस वर्षों में कच्ची कालोनियों में सड़कें बनाने, फ्री बिलजी, पानी, स्कूलों, मोहल्ला क्लीनिकों और अस्पतालों का निर्माण करने सहित बहुत कुछ किया है। वहीं, भाजपा की सरकार 22 राज्यों में है, लेकिन कहीं भी 24 घंटे बिजली नहीं है। केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा ने पिछले छह महीने में दिल्लीवासियों के काम रोकने के अलावा कुछ नहीं किया।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे फ्रांसीसी पढ़ने के लिए पेरिस गए
अब बच्चे जो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, वे पेरिस जाकर फ्रेंच सीखेंगे। दिल्ली सरकार ने नौवीं से बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले 30 बच्चों को फ्रेंच भाषा की पढ़ाई के लिए पेरिस भेजा है। ये बच्चों, जो पढ़ने के लिए पेरिस गए हैं, 4 नवंबर से 15 नवंबर तक एलायंस फ्रांसेस डे पेरिस में ए2 फ्रेंच पढ़ेंगे। इस कार्यक्रम में छात्रों को फ्रांसीसी भाषा और संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। इन विद्यार्थियों को वहाँ के लोगों के साथ रहने का भी अनुभव मिलेगा।
दिल्ली सरकार ने भारत में फ्रांसीसी दूतावास के सहयोग से अपने स्कूलों के बच्चों को फ्रेंच भाषा सिखाने के लिए एलायंस फ्रांसेस के साथ एमओयू साइन किया है। इसी के तहत बच्चों को पेरिस भेजा गया है। पेरिस पढ़ने के लिए गए इन बच्चों को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के 30 बच्चे फ्रेंच भाषा का एडवांस कोर्स करने के लिए आज पेरिस में हैं। उन्होंने लिखा कि किसी ने सोचा नही था कि सरकारी स्कूल का बच्चा भी विदेश जाकर पढ़ाई करेगा। यह किसी सपने से कम नही है।