Shani Jayanti 2024 में कब होगा: दृक पंचांग के अनुसार, शनि जयंती 6 जून 2024 को मनाई जाएगी। विधि-विधान से इस विशेष दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि के बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलता है।
सनातन धर्म में शनिदेव को अशुभ प्रकोप से बचाने के लिए शनि जयंती का दिन बहुत शुभ माना जाता है। शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाई जाती है। दृक पंचांग अनुसार, 6 जून 2024 को शनि जयंती होगी। इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का भय कम होता है।
शनि जयंती कब है ?
दृक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष ज्येष्ठ माह अमावस्या 5 जून को रात 7 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और 6 जून को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी, उदयातिथि के अनुसार।
पूजन-सामग्री : शनिदेव की प्रतिमा, काला या नीला वस्त्र, नीले फूल, सरसों का तेल,हवन सामग्री, हवन कुंड, कपूर, पान, सुपारी, दक्षिणा, धूप, दीप, चंदन,अक्षत, शमी का पत्ता, गंगाजल, फल और मिठाई समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
पूजाविधि
शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठें।
स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
शनिदेव की प्रतिमा स्थापित करें।
अब उन्हें फल, फूल, धूप-दीप और नेवैद्य अर्पित करें।
इस दिन दान-पुण्य के कार्य बेहद शुभ माने गए हैं।
शनि जयंती के दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए भी उपाय किए जाते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के सरल उपाय
शनि चालीसा का पाठ करें : जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती के दिन पूजा के दौरान शनि चालीसा का पाठ करें।
शनि जयंती पर करें दान : शनि जयंती के दिन जूते, चप्पल, उड़द की दाल, छाता और काले रंग की वस्तुओं को दान करना शुभ माना गया है।
शनिदेव के बीज मंत्रों का जाप करें : इस विशेष दिन शनि देव के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।।’ मंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा करें : शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ को जल जरूर अर्पित करें। साथ ही सायंकाल में पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।