बिजली विभाग की समीक्षा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मीटर जांच और बकाया वसूली के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: बिजली विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को कहा कि मीटर जांच और बकाया वसूली के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। उपभोक्ताओं को निराश करने वाले गलत बिल और विलंब से बिल देने की प्रवृत्ति पूरी तरह से बंद हो गई है। बिजली कनेक्शन के चार्ज को समान बनाने के लिए नियम बनाए जाएं। इंफ्रास्ट्रक्चर चार्ज को कम करें। जनता की सुविधा और सहूलियत को पहले स्थान दें। मुख्यमंत्री ने अयोध्या सहित राज्य की सभी नगर निगमों को “सोलर सिटी” बनाने का आदेश दिया।
सही बिल दिया जाना सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि ओवरबिलिंग या विलंब से बिल दिए जाना उपभोक्ता को परेशान करता है, व्यवस्था से निराश करता है और उन्हें बिल जमा करने के लिए प्रेरित नहीं करता। ऐसे में, समय से बिल और सही बिल दें। उपभोक्ताओं से बातचीत करें। हर उपभोक्ता के साथ हमारा व्यवहार सद्भावनापूर्ण होना चाहिए। बिजली कनेक्शन चार्ज निर्धारित करने को लेकर आम जनता असंतुष्ट है। इसमें एकरूपता होनी चाहिए। इसके लिए नियमों को बेहतर बनाएं।
बिजली विभाग में बिलिंग और कलेक्शन दोनों को बढ़ाना एक चुनौती है, इसलिए हम सब मिलकर काम करेंगे। राज्य में नए विद्युत सब स्टेशन स्थापित करने से पहले उनकी आवश्यकताओं का विश्लेषण करें। इसके लिए अगले पांच वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। उनका कहना था कि पीएम सूर्य गृह मुफ्त बिजली योजना का व्यापक प्रचार किया जाएगा।
तापीय परियोजनाओं का निर्माण तेजी से पूरा करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले सात वर्षों में बिजली-निर्बाध बिजली का लक्ष्य पूरा हो रहा है। बिजली हर गांव और हर मजरे में उपलब्ध है। आज यह सुखद है कि बिना किसी भेदभाव या वीआईपी कल्चर के प्रदान किया जा रहा है। 15 मार्च से 30 जून तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की गई, जो भीषण गर्मी के बीच आम जनता की सुविधा के लिए अतिरिक्त प्रयास था।
निर्देश दिए कि आज राज्य में अनपरा, हरदुआगंज, ओबरा, पारीछा और जवाहरपुर में 22 थर्मल परियोजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं, जिनमें कई हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। घाटमपुर, पनकी, ओबरा-सी और जवाहरपुर में चल रहे निर्माण कार्यों को जल्दी पूरा करना चाहिए। टीएचडीसी के साथ निर्माणाधीन खुर्जा तापीय परियोजनाओं का काम भी तेज होने की उम्मीद है. ओबरा डी, अनपरा-ई और मेजा तापीय परियोजना-द्वितीय चरण एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम के रूप में स्थापित हो रहे हैं। रिहंद बांध, ओबरा जलाशय और आसपास के क्षेत्र में पम्प स्टोरेज प्लांट लगाने की संभावना का अध्ययन करना चाहिए।
निर्बाध बिजली के लिए पारेषण तंत्र को मजबूत किया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। 13 जून, इस सत्र में बिजली की अधिकतम मांग 30618 मेगावॉट थी। गर्मी के मौसम में आम जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस वर्ष बिजली की निर्बाध आपूर्ति की गई। मांग के अनुरूप पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें।
हर घर में बिजलीनिर्बाध बिजली का लक्ष्य पूरा करने के लिए पारेषण प्रणाली को और बेहतर किया जाए। ट्रांसफार्मर खराब होने पर, चाहे गांव हो या शहर, तुरंत मरम्मत की जानी चाहिए। आवश्यकतानुसार नवीन ट्रांसफार्मर भेजें। समय सीमा का कड़ाई से पालन करें। साथ ही, ट्रांसफार्मर की मरम्मत करने वाली कंपनियों के काम की जांच की जानी चाहिए। टोल फ्री नंबर हेल्पलाइन पर आने वाली हर कॉल को सुनें। हर उपभोक्ता की शिकायत हल होनी चाहिए।
सभी नगर निगम बनाए जाएंगे सोलर सिटी
अब तक, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में 18 लाख से अधिक लोगों ने नामांकन किया है। इस कार्यक्रम का व्यापक प्रचार करें। अयोध्या सहित सभी नगर निगमों को ‘सोलर सिटी’ बनाने के लिए कार्रवाई की जाए।
सोलर पार्क के लिए जमीन अधिग्रहीत करें
मुख्यमंत्री ने झांसी, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, चित्रकूट और जालौन में प्रस्तावित सोलर पार्क के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। जैव ऊर्जा नीति के अनुसार, बायो कोल, बायो डीजल और सीबीजी प्लांटों की स्थापना भी बढ़ाई जाएगी। यूपीनेडा के एमडी अनुपम शुक्ला ने बताया कि अयोध्या एक माडल सोलर सिटी होगी। अन्य सभी नगर निगमों ने सोलर शहर बनाने की योजना बनाई है।
यह कार्ययोजना 40 करोड़ रुपये की है, जिसे स्वीकृति के लिए भेजा जा रहा है। इन शहरों में सोलर सिटी के तहत गार्डेन लाइट, सड़क लाइट और सोलर प्रणाली का निर्माण किया जाना है। इस कार्ययोजना में सोलर घर योजना और सरकारी इमारतों पर सोलर प्लांट भी शामिल हैं। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण, यूपीपीसीएल के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल और डिस्काम के सभी वरिष्ठ अधिकारी इस समीक्षा में उपस्थित थे।