यूपी पावर कारपोरेशन: यूपी में बिजली की भारी मांग ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है, यह देखते हुए, पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने अधिकारियों को बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बिजली चोरी को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाने के लिए कहा है।
यूपी में मंगलवार रात प्रचंड गर्मी और लू के कारण बिजली की मांग इतिहास में सबसे अधिक 29 हजार 820 मेगावाट पहुंच गई। साथ ही, वद्यिुत भी लगभग 643 मिलियन यूनिट तक खपत हुई है। उत्तर प्रदेश कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने अधिकारियों को बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया है। उन्होंने प्रदेश के सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया है कि विद्युत चोरी को रोकने के लिए अभियान चलाया जाए, जहां लाइन हानियां सबसे अधिक हैं। इसमें विजिलेंस भी शामिल होना चाहिए। किसी को नाजायज परेशान न किया जाए।
उनका कहना था कि बेहतर बिजली आपूर्ति और व्यवस्था के लिए प्रभावी बिजली चोरी पर रोक लगाना अनिवार्य है। उस क्षेत्र को चिह्नित करें जहां सबसे अधिक संभावना है कि बिजली चोरी होगी। उस स्थान पर पहले अभियान चलाया जाए। पावर कारपोरेशन ने 31 मई को मांग को 29 हजार 727 मेगावाट पूरा करके एक नया रिकॉर्ड बनाया। 24 जुलाई 2023 को मांग का सर्वोच्च स्तर 28 284 मेगावाट था। 2024 में मांग 28,336 मेगावाट तक पहुंचने पर 22 मई को ही यह रिकॉर्ड टूट गया। रिकॉर्ड अब एक महीने में तीसरी बार गिरा है।
उत्तर प्रदेश कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि भयंकर गर्मी और बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी को देखते हुए सतर्क रहें। इस चुनौती के पूर्ण समय में, सभी कर्मचारी अपने कर्तव्यों को पूरी लगन और मेहनत से पूरा करें। उन्होंने कहा कि बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए बिजली की व्यवस्था की जा रही है।
यूपी पावर कारपोरेशन: ने पूर्वानुमान के अनुरूप बिजली की उपलब्धता की पर्याप्त व्यवस्था की है और मांग बढ़ने पर अतिरक्ति को समय पर अरेंजमेंट किया जा रहा है। अध्यक्ष ने कहा कि सिस्टम की क्षमता के कारण कहीं रोस्टिंग नहीं हो रही है। लोकल फाल्ट से विद्युत आपूर्ति बाधित होने की खबरें आती हैं। इस संदर्भ में कड़े निर्देश भी दिए गए हैं कि कम से कम समय में लोकल फाल्ट को ठीक कर आपूर्ति बहाल की जाए।
अध्यक्ष ने प्रयागराज क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए प्रयागराज (प्रथम) और फतेहपुर के अधीक्षण अभियंताओं को चार्जशीट देने के निर्देश दिए। विभिन्न योजनाओं, जैसे राजस्व, ट्रांसफार्मर क्षतग्रिस्तता, असस्टिेड बिलिंग, आरडीएसएस और बिजनेस प्लान, इनके क्षेत्र में सफल नहीं हुईं। मुख्य अभियंता कौशाम्बी और खागा को भी कड़ी चेतावनी दी गई।