Supreme Court: 2 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को जेल जाना होगा। उनकी अंतरिम जमानत को सात दिन बढ़ाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को तुरंत सुनवाई योग्य नहीं माना, जो अंतरिम जमानत को सात दिन बढ़ाने के लिए दाखिल की गई थी। याचिका को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अवकाशकालीन बेंच के सामने प्रस्तुत करने से इनकार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी, जो 2 जून को समाप्त होगी।
रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट के पहले आदेश का हवाला देते हुए केजरीवाल की याचिका को ‘विचार योग्य नहीं’ बताया, जिसमें उनकी राहत को 1 जून तक सीमित किया गया था और उनके पास नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने का विकल्प था। एक दिन पहले, अवकाशकालीन बेंच ने सुनवाई को तुरंत ठुकरा दिया। केजरीवाल की लीगल टीम ने इसके बाद रजिस्ट्री से याचिका को सूचीबद्ध कराने की मांग की। यहां भी निराश होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री की लीगल टीम अब विकल्पों पर विचार कर रही है। नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट के पास जाना एक विकल्प है।
रजिस्ट्री ने याचिका को विचार योग्य नहीं माना और एक पूर्व निर्णय का हवाला दिया, जिसमें केजरीवाल को अस्थायी राहत की शर्तों का उल्लेख था। जोर देकर कहा कि जमानत के लिए अब कोई भी नई अर्जी ट्रायल कोर्ट में प्रस्तुत की जानी चाहिए। रजिस्ट्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने का भी अधिकार था। रजिस्ट्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को गिरफ्तारी को दी गई चुनौती पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, इसलिए उनकी नई अंतरिम राहत बढ़ाने की याचिका मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है और उसी मामले में सूचीबद्ध नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने मांग की कि अंतरिम जमानत अवधि सात दिन के लिए बढ़ा दी जाए। केजरीवाल का कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें PET-CT स्कैन सहित अनेक जांच कराने को कहा है और इसके लिए समय चाहिए। आम आदमी पार्टी का दावा है कि केजरीवाल का वजन सात किलो घट गया है और किटोन लेवल काफी बढ़ा है। साथ ही, केजरीवाल को बीमार होने की आशंका है।
याचिका को पहले भी सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया था। केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच से कहा कि अनुरोध को विचार के लिए चीफ जस्टिस के पास भेजा जाएगा, क्योंकि मुख्य मामले में फैसला सुरक्षित है। बेंच ने सिंघवी से यह भी पूछा कि इस याचिका को पिछले हफ्ते जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने क्यों नहीं लाया गया था।