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देश भर में पीएनजी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

by ekta
देश भर में पीएनजी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

एलपीजी की तुलना में पीएनजी के फायदे

पाइपलाइन के द्वारा आपूर्ति की जाने वाली पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर की बुकिंग, हैंडलिंग, भंडारण और मापन की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, भार में हवा से हल्की होने के कारण पीएनजी खाना पकाने के लिए एक सुरक्षित ईंधन है। प्रति यूनिट ऊर्जा सामग्री (किलो कैलोरी/किग्रा) के संदर्भ में, पीएनजी तुलनात्मक रूप से एलपीजी की तुलना में बेहतर है, यद्धपि प्राकृतिक गैस की लागत कई गतिशील कारकों जैसे कि गैस की खरीद की लागत, राज्य कर, टैरिफ, दी जाने वाली सब्सिडी, परिवहन और वितरण लागत आदि पर निर्भर करती है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने राष्ट्रीय गैस ग्रिड बनाने और देश भर में प्राकृतिक गैस की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से देश भर में लगभग 33,478 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क को अधिकृत किया है। मार्च 2024 तक, लगभग 24,881 किलोमीटर पाइपलाइन कार्यरूप में है और 10,404 किलोमीटर पाइपलाइन का कार्य निर्माणाधीन है।

घरों को पीएनजी कनेक्शन प्रदान करना सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क के विकास का एक हिस्सा है और यह कार्य पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) की अधिकृत संस्थाओं द्वारा किया जाता है। 12/12ए सीजीडी बोली दौर के पूरा होने के बाद, पीएनजीआरबी ने देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 100 प्रतिशत भाग को कवर करने वाले 307 भौगोलिक क्षेत्रों को सीजीडी नेटवर्क के विकास के लिए अधिकृत किया है, जो 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 733 जिलों में फैले हुए हैं। एमडब्ल्यूपी का लक्ष्य वर्ष 2032 तक पूरे देश में लगभग 12.63 करोड़ पीएनजी कनेक्शन स्थापित करना है। 31.05.2024 तक, सीजीडी संस्थाओं द्वारा 1.31 करोड़ पीएनजी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। साथ ही, 5,46,867 इंच-किलोमीटर के एमडब्ल्यूपी लक्ष्य के मुकाबले 31.05.2024 तक देश भर में 5,20,176 इंच-किलोमीटर स्टील और एमडीपीई पाइपलाइन बिछाई गई है।

पीएनजी (डी) खंड में गैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने सस्ती घरेलू गैस से घरों तक पाइप्ड गैस की मांग की पूर्ति हेतु विभिन्न महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें सीएनजी (परिवहन) और पीएनजी (घरेलू) खंडों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बिजली और अन्य गैर-प्राथमिकता वाले क्षेत्रों से घरेलू गैस को अलग करना; घरेलू प्राकृतिक गैस के आवंटन के लिए सीएनजी (टी) / पीएनजी (डी) क्षेत्र को प्रथम प्राथमिकता घोषित करना; बोली प्रक्रिया के तहत गैस के आनुपातिक वितरण की आवश्यकता वाले किसी भी स्थिति में उच्च दबाव उच्च तापमान (एचपी-एचटी) गैस की आपूर्ति के लिए सीएनजी (टी)/पीएनजी (डी) क्षेत्र को प्राथमिकता देना आदि शामिल हैं।

यह जानकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

source: https://pib.gov.in

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