Pollution: दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण से लोगों की जिंदगी खराब हो रही है। दिल्ली के गैसचेंबर में रहने वाले लोग कैंसर, हार्ट अटैक और पैल्विक डिजीज का शिकार हो रहे हैं। आइए जानते हैं कौन-सी बीमारियां तेजी से फैल सकती हैं और कैसे बच सकते हैं?
Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में ग्रैप-3 लागू है। बढ़ते पॉल्यूशन के कारण इसे लागू करना था। आज दिल्ली का प्रदूषण बहुत खतरनाक है। दिल्ली में PM 2.5 का लेवल 300 से अधिक है। पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5), जो हवा में बहुत छोटे कण हैं, 2.5 माइक्रोमीटर से भी छोटे हैं। ये वायु प्रदूषण के प्रमुख कण हैं, जो हमारी सेहत पर व्यापक प्रभाव डालते हैं। हमारी रिपोर्ट में वायु प्रदूषण से किन बीमारियों का खतरा बढ़ता है और इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है।
PM 2.5 का क्या अर्थ है?
PM 2.5, या पार्टिकुलेट मैटर, बहुत छोटे कणों से बना वायु प्रदूषण है। PM का अर्थ है कणिकाएं, और 2.5 उनका आकार या साइज बताता है। ये छोटे कण 2.5 माइक्रोमीटर से छोटे हो सकते हैं। हम इन्हें देख भी नहीं सकते क्योंकि उनका आकार इतना छोटा है। मानव शरीर में ये कण आसानी से हवा में घुल जाते हैं।
इन बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है
1. स्ट्रोक
दिल्ली की प्रदूषित हवा लोगों को दिल का दौरा करती है। पॉल्यूशन से स्ट्रोक होता है क्योंकि ये छोटे कण मस्तिष्क के एक भाग में ब्लड सर्कुलेशन को रोकते हैं. इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बंद हो जाती है। ब्रेन सेल्स को डेड स्थिति में डालने से स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
2. lung कैंसर
प्रदूषण में कई हानिकारक रसायन और कार्सिनोजेन्स नामक तत्व होते हैं, जो शरीर में प्रवेश करके कैंसर जैसे रोगों का कारण बन सकते हैं, खासतौर पर फेफड़े, पेट और गले का कैंसर। पॉल्यूशन से लंग कैंसर का रिस्क सबसे अधिक है क्योंकि हवा के जहरीले कण फेफड़ों में जम जाते हैं, जहां से बाहर निकलना मुश्किल होता है। वाहन के धुएं, फैक्ट्री वेस्ट और केमिकल गैसों का पूरा योगदान कैंसर के रिस्क को बढ़ाता है।
3. रेस्पिरेटरी इंफेक्शन
दिल्ली में सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा है। प्रदूषण, खासकर पीएम 2.5 और धुएं, अस्थमा की समस्याओं को बढ़ा सकता है। ब्रोंकाइटिस भी एक गंभीर बीमारी है, जो फेफड़ों को भी संक्रमित करती है। इसके अलावा, लगातार प्रदूषण के संपर्क में रहने से COPD होता है।
4. हृदय की बीमारियाँ
पॉल्यूशन दिल की ब्लड वेसल्स पर असर डालता है, जिससे हाई बीपी, दिल की धड़कन में अनियमितता और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा, रक्तवाहिकाओं और श्वास नली में सूजन दिल की बीमारियों और स्ट्रोक को बढ़ा सकता है।
5. बाल और आंखें
प्रदूषण भी त्वचा और आंखों पर बुरा असर डालता है। इससे स्किन जलन, दाने और एलर्जी हो सकती हैं। वहीं, आंखों में पानी आना, खुजली और जलन भी हो सकती है।
बचाव कैसे करें?
हाल ही में मास्क पहने बिना घर से बाहर निकलने से बचें।
आप घर में रहें।
जब बाहर जाएं, आंखों को सुरक्षित रखने के लिए चश्मा पहनें।
धूम्रपान से बचें।
घर में वायु प्यूरिफायर लगाएं।
घर में धूल-मिट्टी न आने दें और ऐसी जगहों से दूर रहें।
भरपूर पानी पिएं और स्वस्थ भोजन करें।
स्वीकृति: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले, विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।